‘बकरी ईद’पर हिन्दुओंने अजमेर ‘दरगाह’ जाना टाला 


११ जुलाई, २०२२
         राजस्थानके अजमेरमें मोइनुद्दीन चिश्तीकी प्रसिद्ध ‘दरगाह’ जहां अनेक हिन्दू दर्शनार्थ जाते थे । अब वहां जानेवाले हिन्दुओंकी सङ्ख्या न्यून हो गई है । नगरके विश्रामगृहोंके राजस्वमें ९० प्रतिशतकी न्यूनता आई है तथा जलपानगृहोंको ‘करोडों’की हानि हो रही है । ८ जुलाई, शुक्रवारको व १० जुलाईको ‘बकरी ईद’पर वहां दर्शनार्थी अत्यन्त न्यून थे ।
         कहा जा रहा है कि नूपुर शर्माके विरुद्ध ‘दरगाह’के ३ चाकरोंद्वारा किए गए उकसानेवाले कथन व उदयपुर हत्याकाण्डके आरोपीके ‘दरगाह’के चाकरोंसे सम्बन्ध ज्ञात होनेके उपरान्त हिन्दुओंने वहां जाना त्याग दिया है ।
        ‘खादिम’ एनुद्दीन चिश्तीके अनुसार, नगरकी अर्थव्यवस्था प्रतिदिन आनेवाले १५ से २० सहस्र आगंतुकोंपर निर्भर करती है । एक अन्य आपणी सञ्चालकके अनुसार व्यापारियोंको नित्य लगभग ५० कोटि रुपयोंकी आर्थिक हानि हो रही है । यह समाचार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ने दिया है । दरगाहके खाद्य पदार्थ ‘सोहन हलवा’से प्राप्त होनेवाली आयमें ९० प्रतिशतकी न्यूनता आई है ।
     ‘दरगाह’ परिसरके ‘जन्नत ग्रुप ऑफ होटल्स’के स्वामी रियाज खानके अनुसार चिश्तीद्वारा किए गए अयोग्य वर्तनके कारण यहां श्रद्धालुओंका आना न्यून हो गया है ।
      अभीतक हिन्दू ऐसे स्थानोंपर जा रहे थे, यही चूक थी । कुछ हिन्दू शुक्रवारकी ‘नमाज’के उपरान्तकी जानेवाली ‘पत्थरबाजी’के कारण भयसे व कुछ अनुचित वक्तव्य ज्ञात होनेपर बहिष्कारके उद्देश्यसे वहां जानेसे बच रहे होंगे । जो भी कारण हो यह बहिष्कार उचित है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
साभार : https://sanatanprabhat.org


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