हनुमान चालीसा पढनेपर अयोध्याके ‘इंटर कॉलेज’से २ हिन्दू छात्रोंको निकाला, धार्मिक उन्माद फैलानेका आरोप
२ अगस्त, २०२२
उत्तर प्रदेशके अयोध्यामें ‘फैजे आम मुस्लिम कॉलेज’ विवादोंमें आ गया । बताया जा रहा है कि दो हिन्दू छात्रोंको विद्यालयसे निकाल दिया गया; क्योंकि उन्होंने हनुमान चालीसा पढी ।
प्रतिवेदनके अनुसार, विद्यालयसे बाहर किए गए हिन्दू छात्रोंपर धार्मिक उन्माद फैलानेका आरोप है । वहीं, ११वीं कक्षाके छात्र सौरव यादवने बताया कि वह मुसलमान छात्रके साथ बैठकर रहीमके दोहे पढ रहा था । तभी मुसलमान छात्रने आपत्ति व्यक्त करते हुए दोहेके स्थानपर ‘कुरान’ पढनेके लिए कहा । वह अकबरकी प्रशंसा भी करने लगा । इसके उपरान्त सौरव यादव रामायण और हनुमान चालीसा पढने लगा । मुसलमान छात्रोंने इसका परिवाद महाविद्यालय प्रबन्धनसे कर दिया । सौरवका कहना है कि प्रबन्धनने उसकी बात सुने बिना ही नाम काटकर ‘टीसी’ जारी कर दिया ।
महाविद्यालय प्रबन्धनने छात्र सौरवके साथ एक अन्य छात्र माधवेंद्र प्रताप सिंहका नाम भी विद्यालयसे काट दिया है । माधवेंद्रका कहना है कि उसे इस प्रकरणकी जानकारी भी नहीं थी, उसके पश्चात भी उसका नाम विद्यालयसे काट दिया गया ।
विद्यालयके प्रबन्धक मोहम्मद अख्तर सिद्दीकीने अपने ऊपर लगे आरोपोंको षड्यन्त्र बताकर, उनका खण्डन किया है ।
विश्व हिन्दू परिषदके प्रान्तीय ‘मीडिया’ प्रभारी शरद शर्माने इस प्रकरणमें विद्यालयके प्रधानाचार्य और प्रबन्धकको बन्दी बनानेकी मांग की है । साथ ही चेतावनी दी है कि यदि तीन दिनमें कार्यवाही नहीं हुई तो मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथके सामने इस प्रकरणको उठाया जाएगा । वहीं, ‘डीएम’ नीतीश कुमारने प्रकरणकी जांच करवानेकी बात कही है ।
यह विद्यालय है या ‘मदरसा’ और किस व्यवस्थाके अन्तर्गत यह जिहादी शिक्षा दी जा रही है ? ऐसे तथाकथित विद्यालयोंपर त्वरित ताला लगाया जाए और अपराधियोंको चिह्नितकर विधानके अनुसार काराग्गारमें डाला जाए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
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