दिवसकी शुभारम्भ कैसे करें ?


१. सूर्योदयसे पूर्व उठनेका प्रयास करें | वैज्ञानिकोंने शोधमें पाया है कि सूर्योदयसे पहले उठनेवाले, सूर्योदयके पश्चात उठनेवालेकी अपेक्षा अधिक स्वस्थ एवं दीर्घायु होते हैं | सुबह उठकर नामजप, ध्यान आदि करनेसे हमें अधिक लाभ मिलता क्योंकि ब्रह्म मुहूर्तमें योगी, ऋषि, तपस्वी साधनारत रहते हैं जिससे ब्रह्माण्डकी सात्त्विकता बढ़ जाता है और उससे उस कालमें साधना करनेपर हम शीघ्र त्रिगुणातीत हो सकते हैं |

सुबह उठनेके पश्चात आँखें बंदकर निम्नलिखित श्लोकों का पठन करें

१. वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।

२. ब्रह्मा मुरारिस्त्रि पुरांतकारिर्भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च ।
गुरुश्च् शुक्र: शनिराहुकेतव: कुर्वन्तुश सर्वे मम सुप्रभातम्‌ ।।

३. पुण्यमश्लोको नलो राजा पुण्युश्लोनको युधिष्ठिमर: ।
पुण्य श्लोमको विदेहश्चो पुण्युश्लोशको जनार्दन: ।।

४. अश्वोत्थावमा बलिर्व्यायसो हनुमांश्च् बिभीषण: ।
कृप: परशुरामश्च् सप्तैाते चिरजीविन: ।।

५. अहिल्या द्रौपदी सीता तारा मंदोदरी तथा ।
पंचकन्याअ स्म रेन्नित्यंा महापातकनाशनम्‌ ।।

६. अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवंतिका ।
पुरी द्वारावती चैव सप्तैथता मोक्षदायिका: ।।

उसके पश्चात दोनों हथेलियों की ओर देखकर निम्नलिखित श्लोक पढ़ें |

७. कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्यें सरस्व ती ।
करमूले तु गोविंद: प्रभाते करदर्शनम्‌ ।।

बिछावनसे कदम नीचे रखनेसे पूर्व क्षमा प्रार्थना करते हुए भूमि वंदना हेतु निम्नलिखित श्लोक पढ़े

समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मंडिते |

विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमश्वमेव ||

२. उठनेके पश्चात बिना मुहं हाथ धोये, bedtea न पिए क्योंकि रातमें सोते समय हमारा तमोगुण बढ़ जाता है और मुहंमें व्याप्त तमोगुणी तत्त्व चायके माध्यमसे हमारे शरीरमें प्रवेश कर जाता है जिससे हमें अनेक प्रकारकी बीमारियाँ हो जाती हैं और हमारा तमोगुण भी बढ़ जाता है | और इस विषयपर अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर जाएँ

http://www.spiritualresearchfoundation.org/articles/id/spiritualresearch/sattvik-living/spiritual-effect-having-tea-in-bed

३. सुबह उठकर नित्य कर्मसे निवृत्त होकर स्नानकर थोड़े समय योगासन, प्राणायाम और नामजपको दें |

४. स्नान करते समय थोडा सा मोटा एवं ढेलेवाला नमक (प्राकृतिक नमक) एवं गौ मूत्र डाल कर दस लोटे पानीसे स्नान करें तत्पश्चात नित्य सामान स्नान करें | जहाँ तक संभव हो मिटटी, उबटन या आयुर्वेदिक साबुनका प्रयोग कर स्नान करें | कृत्रिम पदार्थोंसे बने साबुन का उपयोग टालें | नैसर्गिक पदार्थोंका उपयोग कर स्नान करनेसे हमारे मन एवं बुद्धिपर छाया सुक्ष्म काला आवरण नष्ट होता है और हमर साधनाका तेजसे हमारे चारो ओर कवच निर्माण होता है | स्नानके विषयमें और जानकारी हेतु यह लिंक देखें |http://www.hindujagruti.org/hinduism/knowledge/article/why-should-one-bath-while-sitting-in-cross-legged-position.html

सुबह की शुरुआत समाचार पत्र पढ़कर न करें आज समाचार पत्रोंमें अधिकतर तमोगुणी समाचार जैसे भ्रष्टाचार, लूटपाट, दुर्घटना, चोरी, बलात्कार इत्यादिके ही अधिकतर समाचार रहते हैं इसका हमारे सूक्ष्म देह अर्थात मन एवं बुद्धि पर सुबह के समय विपरीत प्रभाव पड़ता है और दिन भर यह अनावश्यक आवरण हमारे बौद्धिक एवं मानसिक क्षमताको घटा देता है और मन को अशांत रखता है | अतः पहले दिन की शुरुआत कुछ संतों के गाएं भजन, स्त्रोत्र पठन या उनके लिखे ग्रन्थ को पढ़कर करें या ध्यान, नामजप इत्यादिसे करें |

सुबह उठनेपर अपने घर की स्थूल स्वच्छता के साथ ही अपने वास्तु की सूक्ष्म शुद्धि भी करें | इस हेतु घर में देसी गायके गौ मूत्रका छिडकाव करें एवं थोड़ी सी धुप दानी में कंडे ये लकड़ीसे अग्नि प्रज्ज्वलित कर धूना, गूगुल एवं लोबान डाल कर शुद्धू एवं सात्त्विक धुआं पूरे वास्तुमें दिखाएँ | वास्तु शुद्धि हेतु इस लिंकको देखें | http://www.hindujagruti.org/videos/s12.htm



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