‘सगुण निर्गुण नहीं भेदाभेद’


मुझसे किसीने पूछा “क्या आप कृष्ण भक्त हैं क्योंकि आपके अनेक लेख कृष्ण भक्ति पर आधारित होते है ” ? पूर्णत्वकी प्राप्ति मेरा लक्ष्य है तो पूर्ण पुरुषका प्रिय लगना तो सामान्य सी बात है, वैसे मैं बचपन से ही निर्गुणी भक्त रही हूंं परंतु ईश्वरके भिन्न साकार रूपोंसे भी प्रेम है मुझे , आखिर निर्गुण परमेश्वर भक्तका उद्धार करने हेतु सगुण रूप धारण करते हैं और हमारे श्रीगुरु के श्रीगुरु परम पूज्य भक्तराज महाराज ने कहा है ‘सगुण निर्गुण नहीं भेदाभेद’ अर्थात् ईश्वरके सगुण और निर्गुण स्वरूपमें कोई भेद नहीं हमारे साधना मार्ग और स्तरके अनुसार हम सगुण या निर्गुण स्वरूप की आराधना करते हैं  -तनुजा ठाकुर



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