शिष्यकी आध्यात्मिक क्षमता जैसे-जैसे बढती है गुरु उसका कार्यक्षेत्र बढा देते हैं


शिष्यकी आध्यात्मिक क्षमता जैसे-जैसे बढती है, गुरु उसका समष्टि कार्यक्षेत्र बढा देते हैं । सर्वप्रथम शिष्यका कार्यक्षेत्र एक ग्राम होता है, तत्पश्चात उसकी क्षमता बढनेपर श्रीगुरु उसके कार्यक्षेत्रमें उत्तरोत्तर वृद्धि करते जाते हैं, जैसे एक जनपद, एक राज्य, अनेक राज्य, एक राष्ट्र, अनेक राष्ट्र एवं पूर्णत्व प्राप्त शिष्यका कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड होता है ! -तनुजा ठाकुर



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution