धर्मके पतन होनेपर धर्म स्थल नष्ट हो जाएँगे और धर्म स्थल नष्ट हो जानेपर धर्मस्थलके धन भी नष्ट हो जाएंगे ! इस कटु सत्यसे मुंह छुपाता है हमारा यह हिन्दू समाज ! धर्मको बचाने हेतु धर्मशिक्षण देना परम आवश्यक हैं ! मात्र धर्मशिक्षणसे ही धर्माभिमान एवं धर्मरक्षण संभव है ! प्रत्येक मंदिरमें योग्य व्यक्ति या समितिको नियुक्त कर प्रत्येक हिन्दूको धर्मशिक्षण देना, संस्कृत वर्ग, गीता एवं अन्य धर्म शास्त्रोंका अभ्यासवर्ग चलाना, पुरातन मंदिरोंका जीर्णोद्धार करना, गौशाला खुलवाना, आयुर्वेदिक औषधालय खुलवाना, कर्मकांडके लिए योग्य पुरोहित निर्माण करना, हिन्दू धर्म रक्षणार्थ शस्त्र और शास्त्रकी तैयारी करा धर्मयोद्धा तैयार करना, यह मंदिरोंका मूलभूत धर्म है ! परंतु आजका मंदिर धूप, दीप, गंध, पुष्प और नैवेद्य चढाने मात्रका स्थल रह गया है ! अतः सरकारकी गिद्ध दृष्टि सभी सुप्रसिद्ध मंदिरोंपर पड चुकी है और हिंदूके चढावेका दुरुपयोग होना आरंभ हो गया है !-तनुजा ठाकुर
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