आध्यात्मिक दृष्टिकोणके अभावमें हम मायाके पद-प्रतिष्ठा, धन-दौलतमें फंसे रहते हैं


आध्यात्मिक दृष्टिकोणके अभावमें हम मायाके पद-प्रतिष्ठा, धन-दौलतमें फंसे रहते हैं, इस विश्वमें प्रत्येक वर्ष अनेक लोग मायाके ऊंचे पदको प्राप्त करते हैं परन्तु चिरंतन यश तो मात्र खरे भक्तों को और संतोंको प्राप्त होता है, आकाश में ध्रुव तारा इस ध्रुव सत्यका सदैव संदेश देता है अतः यश के लिए इच्छित जिज्ञासुने पहले साधक,तत्पश्चात शिष्य और अंतमें संत पद प्राप्त करने हेतु प्रयासरत रहना चाहिए, मायाकी सर्व वस्तु तो ऐसे व्यक्तिके पीछे भागी चली आती है और ऐसे भक्तका यशगान तो स्वयं भगवान अपने भक्तोंके माध्यमसे करते हैं -तनुजा ठाकुर



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