मुझसे किसीने कहा, “आपकी छवि समाजमें एक कट्टर हिन्दु नारीके रूपमें बनती जा रही है ” | मैंने उनसे कहा, “यदि समाजमें इस रूपमें जाने तो इसे मैं अपना सौभाग्य मानुंगी, धर्म रक्षणार्थ मुझे जो भी उपमा दी जाये मुझे सर्व स्वीकार्य है; परंतु अपने दृष्टिकोण और अपनी प्रवृत्ति कदापि परिवर्तित नहीं करूंगी | सर्व धर्म समभावका चोला पहन एक नपुंसक प्रवृत्तिकी हिन्दु बन धर्मग्लानिको देखना, यह तो मेरे लिए सबसे बडा दुर्भाग्य होगा वह दिन देखनेसे पहले मेरे प्राण पखेरू उड जाएं वह अधिक अच्छा होगा | सम्पूर्ण ब्रह्मांडको वैदिक सनातन धर्मका महत्व समझमें आए और इस हेतु मैं कुछ भी करने, सुनने और सहनेके लिए संकल्पबद्ध हूं ” |-तनुजा ठाकुर
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