सुभाषितोंमें संस्कृतका महात्म्य


भारते संस्कृता भाषा कामधेनुः प्रकीर्तिता ।
जननी विश्वभाषाणां विज्ञानस्योपकारिणी ।।
अर्थ : भारतमें संस्कृत भाषा कामधेनु रूपमें प्रसिद्ध है, यह विश्वके सर्व भाषाओंकी जननी हैं, यह विज्ञानका संगोपन करती है ।
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संस्कृतं देवभाषास्ति वेदभाषास्ति संस्कृतम् ।
प्राचीनज्ञानभाषा च संस्कृतं भद्रमण्डनम् ।।
अर्थ : संस्कृत देव भाषा है , संस्कृत वेद भाषा है । यह प्राचीन ज्ञानकी भाषा है यह भद्रजनोंकी शोभा है ।
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भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाणभारती ।
तस्यां हि काव्यम् मधुरं तस्मादपि सुभाषितम् ।।
अर्थ : सर्व भाषाओंमें संस्कृतका अपना महत्व है, संस्कृत सबसे मधुर और दिव्य है । उसमें भी संस्कृतके काव्य अत्यधिक मधुर हैं उसमें भी सुभाषित तो और भी मधुर होते हैं !



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