भोपाल सेंट्रल जेल से भागे 8 आतंकियों की कब्र पर शहादत लिखे जाने का मामला सामने आया है। पिछले महीने अक्टूबर में भोपाल जेल से 8 आतंकी फरार हुए थे, जिन्हें करीब 9 घंटे बाद एक एनकाउंटर में मार गिराया गया था। इनमें से पांच आतंकी मध्यप्रदेश के खंडवा के रहने वाले थे। खंडवा में जहां इन पांचों आतंकियों की दफनाया गया, वहां कब्र पर अब ग्रेनाइट पत्थर लगाकर चमकदार अक्षरों से ‘शहादत’ लिखा गया है। बताया जा रहा है कि एसपी और शहर के काजी भी इस बात से अंजान हैं।
आतंकियों में अकील खिलजी, मेहबूब उर्फ गुड्डू, अमजद रमजान, सालिक हकीम और जाकिर बदरुल खंडवा के रहने वाले थे। जब इनका जनाजा निकला तो खंडवा में तनाव के हालात हो गए थे। इस दौरान यहां पथराव और नारेबाजी भी हुई थी। खंडवा में पांचों आतंकियों को दफनाया गया था। उनके जनाजे में करीब 1500 लोग शामिल हुए थे। एनकाउंटर के मारे गए आतंकियों के घरवालों का कहना था कि अकील और साथी 8 साल से जेल में थे। कुछ माह बाद ही वो जेल से छूटने वाले थे। पुलिस ने उन्हें एनकाउंटर कर दिया। इसकी जांच होनी चाहिए।
क्या था मामला?
भोपाल की सेंट्रल जेल से 30-31 अक्टूबर की दरमियानी रात 8 सिमी आतंकियों भागे थे। जिन्हे शहर के बाहर पहाड़ी पर घेरकर पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। आतंकियों ने जेल से भागते वक्त एक काॅन्स्टेबल का मर्डर भी किया था। इसके बाद चादर की रस्सी के सहारे फरार हो गए थे। भागने वालों में अहमद रमजान खान, जाकिर हुसैन, शेख मेहबूब, मोहम्मद सालिक, मुजीब शेख, अकील खिलजी, खालिद अहमद और मजीद नागौरी (आठों आतंकी) शामिल थे।
आठों सिमी आतंकियों को बाकी कैदियों से अलग रखा गया था। इन सभी को कुछ जरूरी चीजें रखने की इजाजत थी। इन आतंकियों को जिन चीजों को रखने की इजाजत थी, उनमें एक स्टील की प्लेट और एक गिलास था। हरेक को तीन कंबल, 2 चादर और एक रजाई भी दी गई थी। पुलिस की मानें तो आतंकियों ने भागने में इन्हीं चीजों का इस्तेमाल किया।
सौजन्यसे: http://bheldailynews.com/
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