जब किसी मुसलमानके घरसे कोई सदस्य जिहादके लिए जाता है तो माता-पिता एवं अन्य कुटुम्बके सदस्य उनपर गर्व कर उनका मनोबल बढाते हैं, वहीं जब कोई हिन्दू युवा धर्मकार्य हेतु आगे बढकर कुछ करना चाहता है तो उसके घरके सर्व सदस्य उसके मार्गमें अवरोध निर्माण कर, उसे हतोत्साहित करते हैं, यह मुख्य भेद है, हिन्दुओं और मुसलमानोंके धर्मप्रेममें -तनुजा ठाकुर
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