12 अक्टूबर को हिंसा की शुरुआत पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना ज़िले से हुई, जहां कथित तौर पर मुहर्रम के जुलूस में बम फेंका गया। जिसके बाद हिंसक भीड़ ने हिंदुओं के घरों को जला दिया और इस हिंसे की आग 5 ज़िलों में फैल गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, “पुलिस ने वहां पहुंचकर हालात को सामान्य किया और भीड़ को तितर-बितर किया। लेकिन उसके दो घंटे बाद वहां हालात बिगड़ गए। दोनों पक्षों के दंगाई आमने-सामने हो गए और पुलिस से भी उलझ गए। वे लोग बम लेकर आए थे। हमलोगों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। अंत में हमें हालात पर काबू पाने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा।”
ममता सरकार ने दंगाईयों को दे रखी है खुली छुट –
बंगाल के हाल को देखते हुए दीदी का राज दंगा राज बनता जा रहा है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या पश्चिम बंगाल की सरकार जानबूझकर, एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए या मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए कानून-व्यवस्था की अनदेखी कर रही है? ऐसे में एक वीडियो हमारे हाथ लगा है जिसमें साफ़ दिख रहा है कि बंगाल में इन दंगाइयों को कितनी खुली छुट मिली हुई है। वीडियो में दंगाई ममता सरकार और भारतीय सेना को खत्म करने की भी बात कर रहें है।
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