सहारनपुर। वाराणसी में श्रीराम की आरती कर चर्चाओं में आईं मुस्लिम महिलाओं और देवबंदी उलमा के बीच बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है।
रविवार को दारुल उलूम जकरिया के मोहतमिम मुफ्ती शरीफ कासमी ने कहा कि आरती करने वाली महिलाएं न केवल इस्लाम से खारिज हैं, बल्कि इस हालात में उनका निकाह भी खत्म हो जाता है।
उन्हें तौबा कर इस्लाम में दाखिल होना होगा और दोबारा अपने शौहर से निकाह करना होगा। बता दें कि शनिवार को देवबंदी उलमा ने राय जाहिर की थी कि आरती उतारने वाली महिलाएं इस्लाम से खारिज हो गईं हैं।
उन्हें दोबारा इस्लाम में आने के लिए कलमा पढ़ना पढ़ेगा। इसके बाद वाराणसी के कार्यक्रम में शामिल रही नाजनीन अंसारी ने दारुल उलूम पर मुकदमे की बात कही थी।
फतवा ऑन मोबाइल सर्विस के चेयरमैन मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि जब कोई इस्लाम से खारिज हो जाता है तो उसका निकाह भी टूट जाता है।
उधर, दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि इस मसले पर दारुल उलूम की तरफ से कोई बयानबाजी नहीं हुई है। अगर फतवा विभाग से कोई कुछ पूछेगा तो जवाब तो दिया ही जाएगा।
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