बांग्लादेश बॉर्डर से रोहिंग्या मुसलमानों की कराई जा रही है भारत में घुसपैठ


पश्चिम बंगाल की सीमा के साथ बांग्लादेश का करीब 2 हज़ार किलोमीटर लंबा…बॉर्डर लगा हुआ है. इनमें से कई इलाके ऐसे हैं जहां सुरक्षा के इंतज़ाम कमज़ोर हैं और घुसपैठ करवाने वाले लोग इसी का फायदा उठाते हैं.

अगर आपके घर में कुछ लोग… बिना आपकी इजाज़त के घुस जाएं और आपके घर के सामान का इस्तेमाल करने लगे तो आपको कैसा लगेगा?..ज़ाहिर है आप घबरा जाएंगे और आपको इस घुसपैठ पर बहुत गुस्सा भी आएगा…इसके बाद आप इस बात की शिकायत पुलिस से और सिस्टम चलाने वाले लोगों से करेंगे. लेकिन सिस्टम आपकी मदद करने के बजाए घुसपैठ करने वालों की मदद करने लगे तो आपके पास कोई विकल्प नहीं बचेगा. रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ पर हमारे देश के सिस्टम का कुछ ऐसा ही हाल है. पश्चिम बंगाल में संगठित तरीके से बांग्लादेश बॉर्डर से रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ कराई जा रही है. आज हमने सिस्टम की आंखें खोलने के लिए उन इलाकों से रिपोर्ट तैयार की है जहां रोहिंग्या मुसलमान Security Forces को चकमा देकर अवैध रूप से भारत की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं.

सवाल ये है कि रोहिंग्या मुसलमान.. हमारे सिस्टम में अपनी जगह बनाने में कामयाब कैसे हो गये? वो कौन से लोग हैं जो राजनीतिक फायदे के लिए रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध रूप से हर तरह की मदद दे रहे हैं ? क्या इस तरह घुसपैठ करवाकर.. जनसंख्या के अनुपात और वितरण को बदलने की कोशिश हो रही है? हैरानी की बात ये है कि पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बॉर्डर वाले इलाकों में कुछ अपराधी इतने सक्रिय हैं कि वो रोहिंग्या मुसलमानों को बड़े आराम से बॉर्डर पार करवा रहे हैं. इस काम के लिए इन लोगों ने Rate Card भी तैयार किया हुआ है.

बॉर्डर पार कराने के लिए तस्कर…… लोगों से 20 हज़ार से 25 हज़ार रुपये लेते हैं … जबकि बच्चों के लिए ये रेट 2 से 5 हज़ार रुपये तक है. हालांकि, कई बार बच्चों की घुसपैठ का रेट उनकी उम्र पर भी निर्भर करता है … परिवार को घुसपैठ कराने के बदले इस रैकेट में शामिल तस्कर डिस्काउंट भी ऑफर करते हैं … अगर 5 लोगों का परिवार है तो परिवार को डिस्काउंट दिया जाता है.. और पूरे परिवार से 75 हज़ार से 80 हज़ार रुपये तक लिए जाते हैं.. यानी पूरे परिवार की घुसपैठ पर 20 से 25 हज़ार का डिस्काउंट मिलता है.

पश्चिम बंगाल की सीमा के साथ बांग्लादेश का करीब 2 हज़ार किलोमीटर लंबा…बॉर्डर लगा हुआ है. इनमें से कई इलाके ऐसे हैं जहां सुरक्षा के इंतज़ाम कमज़ोर हैं और घुसपैठ करवाने वाले लोग इसी का फायदा उठाते हैं. घुसपैठ के बाद पश्चिम बंगाल पहुंचने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को संगठित तरीके से बसाने के इंतज़ाम भी किये जाते हैं.

इन लोगों को UNHRC कार्ड यानी United Nations High Commissioner for Refugees कार्ड मिल जाता है.. इस कार्ड की मदद से ये लोग शरणार्थी बन जाते हैं. आप इस कार्ड को Refugee बनने का लाइसैंस भी कह सकते हैं. कार्ड मिलने के बाद रोहिंग्या मुसलमान देश के दूसरों इलाकों में बस जाते हैं और धीरे-धीरे आपके हिस्से के संसाधनों का इस्तेमाल करने लगते हैं. भारत में करीब 40 हज़ार रोहिंग्या मुसलमान अवैध रूप से रहते हैं. ये लोग घुसपैठ करके बांग्लादेश बॉर्डर के रास्ते भारत में दाखिल हुए, और फिर देश के कई राज्यों में फैल गए.

हैरानी की बात ये है कि केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में कह चुकी है कि रोहिंग्या मुसलमानों से देश की सुरक्षा को खतरा है. क्योंकि बहुत से आतंकवादी संगठन रोहिंग्या मुसलमानों के संपर्क में है. लेकिन इसके बावजूद इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा. ज़ाहिर है हमारा सिस्टम इस मामले राजनीति और धर्म के चश्मे से देख रहा है.. जिससे वोट बैंक के खूबसूरत दृश्य नज़र आते हैं. लेकिन देश की सुरक्षा से जुड़ी ख़बरों को लेकर ज़ी न्यूज़ हमेशा चौकन्ना रहता है. हमने देश की आंखें खोलने के लिए पश्चिम बंगाल के कई इलाकों से Ground Report तैयार की है.. जो आपको देखनी चाहिए.



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