भारत में करोड़ों की आतंकी फंडिंग कर रहा है पाक, NIA के पास हैं सबूत


नई दिल्ली,जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों और आतंकी संगठनों को फंडिंग काराने के मामले में राष्ट्रीय जांच एंजेसी की चार्जशीट में पाकिस्तान उच्चायोग अधिकारी का नाम भी शामिल है। एजेंसी के अनुमान के अनुसार विरोध प्रदर्शन और पत्थरबाजी के लिए 200 करोड़ रुपयों की फंडिंग की गई है। एनआइए ने 19 जनवरी को 12 हजार 794 पेज आरोप पत्र दाखिल किया था जिसमें 12 लोगों के खिलाफ जिसमें जमात-उद-दावा (जेडीडी) के प्रमुख हाफिज सईद, हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के प्रमुख सैयद सलाउद्दीन और शीर्ष अलगाववादी नेताओं के नाम शामिल थे। मंगलवार को अदालत आरोप पत्र पर संज्ञान ले सकती है ।

सूत्रों ने बताया कि आरोप पत्र में पाकिस्तान उच्चायोग के खिलाफ सबूत शामिल हैं। गृह मंत्रालय (एमएचए) के सूत्रों ने बताया कि प्रथम सचिव के पद के एक अधिकारी की पहचान की गई है। हुर्रियत नेतृत्व के लिए धन की सुविधा के लिए पाकिस्तान के उच्चायोग के अधिकारी ने कश्मीरी व्यापारी जहूर अहमद वटाली के साथ कथित तौर पर काम किया था। वटाली को एएनआइ पहले ही गिरफ्तार कर चुका है। वह इस समय न्यायिक हिरासत में है।

2016 में एचएम कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद, जम्मू और कश्मीर में पत्थरबाजों और आतंकी फंडिंग की जांच के लिए एनआइए का कार्यभार सौंपा गया था। एमएचए के एक अधिकारी के मुताबिक यह जांच जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों की गतिविधियों में उभरी है। हुर्रियत और आतंकवादी संगठनों जैसे एलईटी और एचएम के बीच घनिष्ठ संबंध और पाकिस्तान इन आतंकवादी समूहों और हुर्रियत को घाटी में परेशानी पैदा करने के लिए प्रयोग कर रहे है। खुफिया स्रोतों और हाफिज सईद, सलाहुद्दीन और सय्यद अहमद शाह गिलानी के भाषणों से भी साक्ष्य एकत्र किया गया है।

जांचकर्ताओं ने दावा किया है कि 2016-17 में पत्थरबाजों और विरोध के लिए पाकिस्तान से करीब 200 करोड़ रुपये की राशि घाटी में भेजी गई थी। 19 जनवरी को दिए गए बयान में एनआइए ने कहा था कि जांच से पता चला कि ऑल पार्टिस हुर्रियत सम्मेलन से जुड़े अलगाववादी और अलगाववादी नेताओं ने कश्मीर घाटी में एक नेटवर्क स्थापित किया है जो युवाओं को भारतीय सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए उकसाता है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


सूचना: समाचार / आलेखमें उद्धृत स्रोत यूआरऍल केवल समाचार / लेख प्रकाशित होनेकी तारीखपर वैध हो सकता है। उनमेंसे ज्यादातर एक दिनसे कुछ महीने पश्चात अमान्य हो सकते हैं जब कोई URL काम करनेमें विफल रहता है, तो आप स्रोत वेबसाइटके शीर्ष स्तरपर जा सकते हैं और समाचार / लेखकी खोज कर सकते हैं।

अस्वीकरण: प्रकाशित समाचार / लेख विभिन्न स्रोतोंसे एकत्र किए जाते हैं और समाचार / आलेखकी जिम्मेदारी स्रोतपर ही निर्भर होते हैं। वैदिक उपासना पीठ या इसकी वेबसाइट किसी भी तरहसे जुड़ी नहीं है और न ही यहां प्रस्तुत समाचार / लेख सामग्रीके लिए जिम्मेदार है। इस लेखमें व्यक्त राय लेखक लेखकोंकी राय है लेखकद्वारा दी गई सूचना, तथ्यों या राय, वैदिक उपासना पीठके विचारोंको प्रतिबिंबित नहीं करती है, इसके लिए वैदिक उपासना पीठ जिम्मेदार या उत्तरदायी नहीं है। लेखक इस लेखमें किसी भी जानकारीकी सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता और वैधताके लिए उत्तरदायी है।

विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution