कटते जीवोंको देखकर अरसी खान कृष्ण भक्तिकी ओर मुडी


अक्तूबर १२, २०१८

योगेश्वर श्रीकृष्णकी नगरी मथुरामें एक मुस्लिम कुटुम्बमें पैदा हुई अरसी खानको बचपनसे ही श्रीकृष्णसे लगाव हो गया । धर्मके सभी बन्धन भी अरसी खानको श्रीकृष्णकी भक्तिसे डिगा नहीं सके । श्रीकृष्णकी भक्त अरसी खान उस पलको देख भयभीत हो जाती, जब बलिके नामपर निरीह जीवोंको काटा जाता । फिर अरसी खानने पूर्ण रूपसे श्रीकृष्णकी बताई राहपर चलने का संकल्प लिया ! आपको बता दें कि मथुराकी अरसी खानने इस्लाम छोड भगवा ओढ लिया है अर्थात घर वापसी करते हुए हिन्दू धर्मको अपना लिया है । हिन्दू धर्म अपनानेके साथ ही अरसी खानने अपने ही परिजनोंसे प्राणोंको संकट होनेपर एसएसपी मथुरासे सुरक्षाकी विनती की है ।

गुरुवारको अधिवक्ताके (वकीलके) साथ एसएसपी कार्यालय पहुंची युवतीने बताया उसका लगाव आरम्भ से ही हिन्दू धर्म और बांके बिहारीजीमें रहा । भले ही उसका नाम अरसी खान हो; लेकिन वह आरम्भ से ही अपने आपको आरुषि मानती चली आ रही थी । अरसी खानने बताया कि उसके परिजन धर्म परिवर्तनको नहीं अपनाएंगे; लेकिन इससे उसपर कोई प्रभाव नहीं पडता । उसने बताया कि उसका मन हमेशा बांके बिहारीजीके लिए समर्पित रहा है तो उसने मुस्लिम धर्म से हिन्दू धर्म अपनाया है ।
अरसी खानका कहना है कि मुस्लिम समाजमें ईदके नामपर कोटि पशु बलि कर दिए जाते हैं; लेकिन ऐसा न करके बलिके लिए क्रय किए गए पशुके स्थानपर बचे हुए पैसे समाजके कल्याणमें लगाए जाएं तो सब परिवर्तित सकता है । अरसी खानने कहा कि जहां मुस्लिम लोग गायको काटते हैं, परन्तु मैं किसी भी मूल्य और गायको कटने नही दूंगी । अरसी खानने कहा कि वह किसीके दबावमें आकर हिन्दुत्व नहीं अपना रही है । उसने कहा कि जब कोई बालिग अठारह वर्षसे ऊपर होनेपर मतदान कर सकता है, तो अपनी इच्छासे धर्म परिवर्तन भी कर सकता है । अरसी खानने कहा कि एसएसपी उसे सुरक्षा प्रदान कराएं कि उसके परिजन उसके साथ गलत कर सकते हैं !

 

“अपनी तथाकथित धर्मधारासे विपरीत चलनेपर जो मरने-मारने तकको सज्ज रहते हैं, इसीसे मानसिक दिवालियापन दिखता है” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : सुदर्शन न्यूज



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