कांग्रेसका चुनावी दाव, मन्त्रीने लिंगायतोंको हिन्दुओंसे पृथक करना सबसे बडी चूक बताया !


अक्तूबर १८, २०१८

कर्नाटकमें कांग्रेस शासनमें मुख्यमन्त्री रहे सिद्धारमैयाकेद्वारा लिंगायत समुदायको अल्पसंख्यकका स्थान (दर्जा) देनेके निर्णयपर कांग्रेसने अपना पक्ष परिवर्तन करते हुए क्षमा मांगी है ! कांग्रेस नेता और कुमारस्वामी सरकारमें विद्युत मन्त्री डीके शिवकुमारने कर्नाटककी जनतासे क्षमा प्रार्थना करते हुए कहा कि लिंगायत-वीरशैवके मध्य विभाजन करना बडी चूक थी । लिंगायतोंका पुनः अपने पक्षमें करने और लोकसभा चुनावमें उन्हें निकट लानेके लिए कांग्रेसका यह राजनीतिक दांव माना जा रहा है ।

डीके शिवकुमारने कहा कि धर्मको राजनीति नहीं बनाना चाहिए था । यद्यपि सिद्धारमैयाके निर्णयका बीजेपीने विरोध किया था । विधानसभा मतदानमें उसे इसका लाभ भी मिला था । बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनावसे ठीक पहले कांग्रेस सरकारने लिंगायतको अल्पसंख्यक घोषित करनेका निर्णय किया था । इसे लेकर लिंगायत समुदाय और दलित समुदायने विरोध किया था ।

डीके शिवकुमारने कहा कि हमने अपने पिछले कार्यकालके दौरान समय बडी और गम्भीर चूक की थी, इसके लिए हम क्षमा चाहते हैं । किसी भी धर्मके प्रकरणमें सरकारको हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और न ही राजनीति करनी चाहिए । शासनके निर्णयका उस समय हमारे कई मन्त्रियोंने विरोध भी किया था,  लेकिन शासनने उस समयकी स्थितिपर विचार करनेका ध्यान रखा । उन्होंने कहा कि प्रदेशमें उस समय बहुत सारे राजनीतिक विकास हो रहे थे, लेकिन धर्मके प्रकरणमें किसी भी सरकारको हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था । विधानसभा मतदानके समय इस प्रकरणपर लोगोंकी भावनाओंको समझा, उन्हें हमारे निर्णयसे आघात पहुंचा था, ऐसेमें हम या फिर हमारी सरकारने कोई चूक की है तो कृपया हमें क्षमा करें ।

 

“हिन्दुओं ! जिन राजनीतिक दलोंको उद्देश्य अंग्रेजों समान छल व बलसे केवल सत्ता पाना है, वे मतदान आते ही आज सबके समक्ष हिन्दुओंसे क्षमा प्रार्थना क्यों कर रहे हैं, स्वयं सोचे !” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : आजतक



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