मोहन भागवतपर बरसे तोगडिया, मतदान निकट आते ही रामका स्मरण हुआ !


अक्तूबर १८, २०१८

विजयदशमीके उत्सवके अवसरपर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघके वार्षिक कार्यक्रममें संघ प्रमुख मोहन भागवतने अपने सम्बोधनमें कहा कि राम मन्दिरके लिए विधान (कानून) बनना चाहिए । भागवतके इस वक्तव्यपर प्रश्न उठाते हुए अन्तरराष्ट्रीय हिन्दू परिषदके अध्यक्ष प्रवीण तोगडियाने कहा है कि ४ राज्योंमें और शीघ्र ही केन्द्रमें मतदान निकट आए तब हिन्दुओंकी भावनाएं और भगवान रामकी स्मरण हुए ! अब तक क्यों चुप रहे ?

प्रवीण तोगडियाने वक्तव्य जारी कर कहा है कि १९८९ में बीजेपीकी राष्ट्रीय कार्यकारिणीमें कहा गया था कि संसदमें पूर्ण बहुमतमें सरकार आएगी, तब कानून बनाकर भव्य राम मन्दिरका निर्माण किया जाएगा । इसके विश्वासमें सैकडों हिन्दुओंने प्राण दिए, सहस्त्रों कारावास गए और जब केन्द्रमें पूर्ण बहुमतकी सरकार आई, तब गत ४.५ वर्षोंसे रामभक्तोंकी आवाजको दबाया गया !

तोगडियाने दावा किया २०१७ में भोपालमें बैठक बुलाकर ‘आरएसएस’द्वारा कहा गया कि संसदमें राम मन्दिरके कानूनकी बात बोलना बंद करो ! उडुपीमें नवम्बर २०१७ में धर्मसंसदमें अनेकों सन्तोंकी मांगके पश्चात भी राम मन्दिरपर विधानका (कानूनका) प्रस्ताव नहीं लाया गया, जो विगत १४ धर्मसंसदोंकी मांगके विपरीत था ।

तोगडियाने प्रश्न किया कि राम मन्दिरपर विधानकी (कानूनकी) मांगको लेकर अनशन कर रहे सन्त परमहंसदासको जब उत्तरप्रदेश पुलिस घसीटकर ले गई, तब आजके बौद्धिक देने वाले कहां थे ? तोगडियाने मांगकी है कि राम मंदिरमें कानून लानेमें ४.५ वर्षोंकी अक्षम्य देरीके लिए केन्द्र सरकार, बीजेपी और उनकी मातृसंगठन आरएसएसको हिन्दुओंसे क्षमा मांगनी चाहिए ।


“धर्म ही किसी राष्ट्रका मूल आधार है । धर्मविहीन विकसित राष्ट्र दिशाहीन होकर नष्ट हो जाते हैं; अतः भाजपा अब इस धर्मसापेक्ष हिन्दुओंके राष्ट्रमें श्रीरामके भव्य मन्दिरका निर्माण कर धर्ममकी नींव रखें !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : आजतक



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