सबरीमाला विवादपर बोले रजनीकान्त, ‘देवालयकी परम्परामें न हो कोई हस्तक्षेप’


अक्तूबर २०, २०१८

दक्षिणके अभिनेता रजनीकांतने शनिवारको कहा कि लम्बे समयसे पालनकी जा रही देवालयकी परम्पराओंमें कोई भी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए ! केरलके सबरीमला देवालयमें सभी आयु वर्गकी महिलाओंके प्रवेशकी अनुमति देने वाले उच्चतम न्यायालयके आदेश और उसके पश्चात हो रहे प्रदर्शनोंपर अभिनेताकी यह पहली टिप्पणी है । उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्षेत्रमें महिलाओंकी समानताको लेकर कोई दूसरा मत नहीं है ।
रजनीकांतने कहा, “जब आप किसी देवालयके बारेमें बात करते हैं तो प्रत्येक देवालयके कुछ रीति-रिवाज एवं परम्पराएं होती हैं, जिनका लम्बे समयसे पालन हो रहा है । मेरी विनम्र परामर्श यह है कि किसीको भी उसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए ।”

उन्होंने कहा कि शीर्ष न्यायालयके निर्णयका सम्मान होना चाहिए, यद्यपि इस ओर भी संकेत किया कि बात जब धर्म एवं सम्बन्धित रिति-रिवाजोंकी हो तो सावधानी बरतना चाहिए ।


सरकारने जबसे कहा है कि वह उच्चतम न्यायालयके निर्णयका पालन करेगा तभीसे सबरीमलामें रजस्वला आयु वर्गकी लडकियों एवं महिलाओंके प्रवेशके विरुद्घ केरलमें निरन्तर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं ।

“रजनीकान्तजीके इस वक्तव्यके लिए हम उनका अभिनन्दन करते हैं । वस्तुतः नेता व अभिनेताको धर्मपरायण ही होने चाहिए, क्योंकि सहस्त्रों लोग उनका अनुसरण करते हैं, परन्तु दोनों ही धर्मविमुख हैं; अतः लोग भी अनुसरण कर विधर्मी हो गए हैं !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : जी न्यूज



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