इटलीसे आयातित लोगोंके माध्यमसे धर्मान्तरणको बढावा मिला : योगी आदित्यनाथ


नवम्बर १५, २०१८

उत्तर प्रदेशके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथने बृहस्पतिवार, १५ नवम्बरको आरोप लगाया कि छत्तीसगढमें कांग्रेसके शासन कालमें इटलीसे आयातित ईसाईयोंके माध्यमसे धर्मान्तरणकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियां चरम पर थींक्ष। योगीने सरगुजा क्षेत्रके जशपुर जनपदमें एक चुनावी रैलीमें कहा कि वर्ष २००३ तक प्रदेशमें कांग्रेसकी सरकार थी । वह परोक्ष रूपसे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधीपर लक्ष्य साध रहे थे ।

उन्होंने आरोप लगाया, “छत्तीसगढ २००० में बना, लेकिन प्रारम्भिक तीन वर्षों तक कांग्रेसका ‘कुशासन’ था । इस कुशासनमें सडकें नहीं थी, बिजली नहीं थी, शिक्षा और स्वास्थ्यकी भी कोई व्यवस्था नहीं थी ! कहीं खनन माफिया हावी थे, तो कहीं कोयला माफिया, तो कहीं वन माफिया थे ! ‘इन ‘माफियाओं’को देखकर मुझे इटलीका स्मरण हता है । माफिया शब्द इटली से आया है । धर्मान्तरणकी गतिविधियां भी चरमपर चल रही थीं ! यहां इटलीसे आयातित ईसाईयोंके माध्यमसे धर्मान्तरणकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियां भी चरमपर चल रही थीं । जशपुरके कुमार दिलीप सिंह जूदेवने इन गतिविधियोंपर अपने बलपर अंकुश लगानेका कार्य किया था । यदि जशपुर राजघराना नहीं होता तो यह क्षेत्र दंडकारण्य बन गया होता । यहां चल रही अराजक गतिविधियोंके कारण यहां भी नक्सलवाद बस्तरकी भांति ही चुनौती दे रहा होता ।”

योगी आदित्यनाथने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामने इसी दंडकारण्यमें अपना सबसे अधिक समय व्यतीत किया था । उन्होंने इस मध्य यहांके लोगोंमें निडरता पैदा की, जिससे यहां कोई अराजकता ना हो । उन्होंने कहा कि उन्हें मुझे लगता है इस कार्यमें उनके सहयोगी अयोध्या और जनकपुरकी सेना नहीं थी, बल्कि यहींके आदिवासी और वनवासी थे । इन्हीं लोगोंने मिलकर भगवान रामकी यात्राको जीवंत बना दिया ।

 

“निस्सन्देह कांग्रेसद्वारा किए कुकर्मोंका भुगतान आज भी यह राष्ट्र काफी रूपोंमें कर रहा है, जिनमें धर्मान्तरण मुख्य है, जिसमें निर्धन हिन्दुओंको धन-भूमि और घरका लालच देकर ईसाईमें परिवर्तित किया जाता है और यह पैसा राष्ट्रविरोधियोंद्वारा बाहरसे ‘एनजीओ’द्वारा भेजा जाता है, ऐसे आरोप लगते रहे है; अतः अब भाजपा सरकार इसपर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाकर, इस राष्ट्रविरोधी गतिविधियोंको बन्द करें व आयातित माफियाओंको पुनः वहीं निर्यात करें, ऐसी उनसे अपेक्षा है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : जी न्यूज



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