सुब्रमण्यम स्वामीने कहा भाजपा बनवाए इन पांच ढंगसे राम मन्दिर !!


दिसम्बर २३, २०१८


भाजपाके राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामीने केन्द्र शासनको अयोध्यामें राम मन्दिर निर्माणके लिए पांच ढंग सुझाए हैं । उन्होंने ‘ट्विटर’पर लिखा है कि कैसे हिन्दुत्व विचारधारा वाला शासन अयोध्यामें रामललाके लिए मन्दिर निर्माणको आरम्भ करा सकता है ? प्रथम तर्कमें स्वामीने बताया, “उच्चतम न्यायालयने पीवी नरसिम्हा राव शासनसे समाधान पूछा था । रावने बताया था कि यदि पहलेसे मन्दिर था तो हिन्दुओंको भूमि मिल सकती है । न्यायालयके निर्देशपर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभागने दबे खण्डहरमें मन्दिर पाया !”

स्वामीने दूसरा तर्क दिया, “आस्थाके अनुसार जहां रामलला पैदा हुए थे, वहां प्रार्थना करना हिन्दुओंका मौलिक अधिकार है, परन्तु भारतमें किसी विशेष स्थानके मस्जिदमें नमाज पढना आवश्यक नहीं है । सार्वजनिक उद्देशयके लिए इसे तोडा और कहीं और स्थानान्तरित किया जा सकता है (१९९४ में पांच न्यायधीशोंकी खण्डपीठके अनुसार) । इसलिए मौलिक अधिकारमें सम्पत्तिका अधिकार छोड दिया गया है ।

स्वामीने तीसरा कारण बताया, “प्राण प्रतिष्ठाके पश्चात बना मन्दिर सदैव मन्दिर ही होता है चाहे उसे नष्ट कर दिया जाए या बर्बाद कर दिया जाए ।” स्वामीने आगे कहा, “शासनको उच्चतम न्यायालयको यह सूचना देनी चाहिए कि रावके शपथ पत्रके अनुसार, यह भूमि भव्य मन्दिर निर्माणके लिए हिन्दू धर्म आचार्य सभाको सौंप देनी चाहिए ।” स्वामीने पांचवे कारणमें बताया, “डॉ. आम्बेडकर नगरके निकट मुस्लिम मोहल्लेके समीप ‘शिया वक्फ बोर्ड’को मस्जिद निर्माणके लिए भूमिका एक भाग दे देना चाहिए ।”

 

“राम मन्दिरके सभी रास्ते खुले हैं, यह स्पष्ट है, केवल इच्छा शक्ति ही अल्प है ! और यह भी हिन्दुओंकी नेताओंकी अति भक्तिका ही परिणाम है । हिन्दुओंने सदैव निष्पक्ष रहकर सज्ज रहना चाहिए और प्रत्येक हिन्दू विरोधी कृत्यके विरुद्ध मुखर होकर बोलना चाहिए ! स्मरण रहे कि धर्म और राष्ट्र सर्वोप्रिय है । उसे अपने भीतर जगाकर ही धर्म व राष्ट्रकी रक्षा की जा सकती है ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : नभाटा



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