बीएचयूके छात्रोंने प्रधानमन्त्रीको भेजा तिरपाल, कहा राम लला तिरपालमें हैं तो आप सब भवनोंमें कैसे !!


जनवरी ४, २०१८

राम मंदिर निर्माणपर अब तक राजनीतिक दल और धार्मिक संगठन, साधु-सन्यासी ही आरोप-प्रत्यारोपमें लगे थे, अब बनारस हिन्दू विश्वविद्यालयके छात्र भी इसमें कूद गए हैं । इन छात्रोंने प्रधानमन्त्रीको तिरपालके साथ पत्र भेजा है । पत्रमें लिखा है कि रामजी तिरपालमें रह रहे हैं तो सांसद व विधायक भी वैसे ही रहें !


‘बीएचयू’के ११ छात्रोंका समूह इसमें सामने आया है । इस समूहके नेतृत्वकर्ता इतेंद्र चौबेका कहना है कि वर्ष २०१९ के प्रथम दिवस प्रधानमन्त्रीके साक्षात्कारमें राम मंदिरपर दिए वक्तव्यसे हिन्दू समाजकी भावनाएं आहत हुई हैं । चौबेका कहना है कि भगवान राम सभी हिंदुओंके आराध्य हैं । ऐसेमें यदि भगवान राम तिरपालमें रह रहे हैं तो उनके भक्त सर्वसुविधायुक्त शासकीय आवासोंमें कैसे रह सकते हैं ?, उन्हें भी राम ललाकी भांति तिरपालमें रहना चाहिए । उन्होंने कहा कि राम भक्त होनेका दावा करने वाले सभी सांसदों और विधायकोंको मंदिर निर्माण होने तक ‘टेंट’में ही रहना चाहिए ।

‘बीएचयू’के छात्र समूहके ही एक अन्य छात्र पतंजलिका कहना है कि हमने मोदीको सबसे पहले तिरपाल इसलिए भेजा है, क्योंकि वही भाजपा शासनका नेतृत्व कर रहे हैं । उन्हींके नेतृत्वमें भाजपाको २०१४ में लोकसभा मतदानमें प्रचण्ड बहुमत मिला था, तब दलने अयोध्यामें राम मंदिर बनानेका वचन भी दिया था ।

 

“श्रीराम तिरपालमें हैं, क्योंकि हिन्दू सुप्त है और जो थोडे बहुत जागृत हैं, वे मौन हैं !! यदि सभी हिन्दू अपने-२ राजनेताओंकी भक्ति करनेके स्थानपर यदि राम मन्दिरके लिए उत्तर मांगेंगें तो क्या राम मन्दिर नहीं बनेगा ? हिन्दुवादी कार्यकर्ताओंको भी पट्टी बांध दी जाती है कि यह आपका तारनहार है, बेशक वह धर्मकी विडम्बना करें, परन्तु आप मौन रहें और हिन्दुवादियोंकी इसी मौन वृत्तिने ही राजनेताओंके अहंको शीर्षपर पहुंचाया, अन्यथा यदि हमनें अपने-२ सांसदोंसे उत्तर मांगा होता तो क्या आज राम मन्दिर हमारे मध्य नहीं होता, सभी धर्मप्रेमी हिन्दू भाई-बहन स्वयं विचार करें !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : पत्रिका



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