केन्द्र शासनने कई अवैध एनजीओके विदेशोंंसे धन लेनेके अनुमतिपत्र (लाइसेंस) किए निरस्त, उमिया माता मन्दिरके लिए स्वीकृति दी !


जनवरी २०, २०१९

केन्द्र शासन अशासकीय संगठनोंको मिलनेवाले विदेशी धनपर नियन्त्रण किए हुए है । २०१४ से लेकर अभीतक लगभग १६००० अनुमतिपत्र (लाइसेंस) एफसीआरएके (फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेग्युलेशन एक्ट) अन्तर्गत रद्द किए जा चुके हैं; परन्तु इस मध्य गृहमन्त्रालयने गुजरात स्थित एक पाटिदार ‘एनजीओ’को विदेशी निधिके लिए अनुमति दी है । पाटिदार ‘एनजीओ’का नाम विश्व उमिया समिति है और यह विदेशी धनसे मंदिर और उसके साथ ही एक सामाजिक स्थल भी बनाना चाहता है ।


सूत्रोंके अनुसार इस एनजीओको गुजरातके शक्तिशाली पाटिदार समुदायका समर्थन प्राप्त है और इसे २०१७ में एनआरआइ चंडू लाल पटेलने आरम्भ किया । पटेल इससे पहले कांग्रेससे जुडे रहे हैं; परन्तु उन्होंने २००८ में कांग्रेस छोड भाजपाके साथ अपना सम्बन्ध जोड लिया । पटेल ही इस संस्थाके प्रमुख संयोजक भी हैं । इसके अतिरिक्त पटेल अमेरिका स्थित ‘इंडियन-अमेरिकन एसोसिएशन’के अध्यक्ष भी हैं । यद्यपि, गृहमन्त्रालयने इस एनजीओके प्रति दया ऐसे समयमें दिखाई है, जब विदेशी धन लेनेवाली कई अशासकीय संस्थाओंपर नियन्त्रण किया गया है ।

कृषि मन्त्रालय, नीति आयोगके परामर्शसे, एक योजनाकी व्यापक रूपरेखापर कार्य कर रहा है, जिसमें छोटे और दूरस्थ क्षेत्रोंवाले किसानोंको आय सहायता प्रदान करनेके लिए उपाय सम्मिलित हैं, जिसमें ३ लाख रुपएतकका ब्याज मुक्त ऋणकी सम्भावना भी सम्मिलित है ।

गत वर्षोंमें शासनने कई प्रसिद्ध एनजीओके अनुमतिपत्र (लाइसेंस) निरस्त किए हैं । इनमें तीस्ता सीतलवाडकी संस्था भी सम्मिलित है । (उल्लेखनीय है कि तीस्ता सीतवाड एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और वह गुजरात २००२ उपद्रवसे काफी चर्चामें आईं । वह साम्प्रदायिक उपद्रवके पीडितोंके साथ जुडी थीं ।) ग्रीनपीस और फोर्ड फाउंडेशनपर भी नियमोंके उल्लंघनका आरोप हैं और ये जांचके घेरेमें हैं । वहीं, गृहमन्त्रालयने स्पष्ट किया है कि पाटिदार समुदायका एनजीओ धार्मिक (हिन्दू), शैक्षणिक और सामाजिक कार्योंकी श्रेणीमें है और यह विदेशी धन ले सकता है । यह तीन वर्षके पश्चात एफसीआरए अनुमतिपत्र (लाइसेंस) प्राप्त कर सकता है । ‘विश्व उमियाधाम मंदिर और कॉम्प्लेक्स’के निर्माणके लिए १००० कोटि रुपयेके धनकी तैयारी है; परन्तु इसके लिए संस्था पहले ही अनुमतिके लिए आवेदन कर सकती है ।

‘द इंडियन एक्स्प्रेस’के साथ वार्तामें संस्थाके प्रमुख चंडू लाल पटेलने भी स्पष्ट किया कि गृहमन्त्रालयने विदेशोंमें रह रहे प्रवासियोंसे चंदा लेनेकी स्वीकृति दे दी है । उन्होंने बताया कि अहमदाबादमें बननेवाला यह मन्दिर देवी उमिया माताको समर्पित होगा । इसे लगभग ४० एकडमें बनानेकी योजना है और इसका कार्य २०२४ तक पूर्ण कर लिया जाएगा ।

 

“गुजरातके पाटीदारको उमिया माताके लिए विदेशोंसे आनेवाले धनकी अनुमति हिन्दू बहुल राष्ट्र नहीं देगा तो क्या पाकिस्तान और अरब देशोंसे यह अपेक्षा करनी चाहिए । निस्सन्देह केन्द्र शासनने कई विदेशी निधि लेनेवाले एनजीओपर प्रतिबन्ध लगाया है, यह एक प्रशंसनीय और आवश्यक पग है; क्योंकि इस धनके आश्रयपर ही हिन्दुओंका धर्म परिवर्तन व राष्ट्र विरोधी गतिविधियां की जाती है और जो राजनीतिक दल इस धनके माध्यमसे अपना कार्य चलाते हैं और देशमें अस्थिरता उत्पन्न करते हैं, वे इसीलिए ही उद्विग्न है और मोदी शासनपर अनर्गल आरोप लगानेसे भी नहीं चूकते हैं । शासन अब इसपर कडे रूपसे और नियन्त्रण करे; क्योंकि धर्मान्तरण गतिविधियां अभी बन्द नहीं हुई हैं ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : इपोस्टमोर्टम



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