संघ प्रमुखने कहा, विभाजित होते संयुक्त परिवारोंको हिन्दू संस्कार ही बचा सकते हैं !


जनवरी २५, २०१९

 

संघ प्रमुख मोहन भागवतने कानपुर प्रवासके तीसरे दिवस परिवारोंके असंयुक्त होनेपर चिंता प्रकट की । इस मध्य उन्होंने कहा कि टूटते परिवारोंको हिन्दू संस्कार ही बचा सकते हैं ।

इससे पूर्व संघ प्रमुख मोहन भागवतने कानपुर प्रवासपर बुधवार, २४ जनवरीको प्रदेशके चारों प्रांत अवध, काशी, गोरक्ष और कानपुरसे सम्बन्धित सभी जनपदोंके कार्योंका लेखा-जोखा लिया था ।

सरसंघचालक मोहन भागवतने कहा कि समाजके दुर्बल और उपेक्षित वर्गको शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलम्बन, सामाजिक समरसताके माध्यमसे खडा करनेकी आवश्यकता है ।

संघ प्रमुखने जनपद संघचालक एवं विभाग संघ चालकोंसे सेवा कार्यमें सक्रिय होनेका विशेष आग्रह किया । प्रान्त पदाधिकारियोंकी ओरसे बताया गया कि वर्तमान समयमें पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्रमें लगभग ८२५ सेवा कार्य संचालित हो रहे हैं, जिसमें शिक्षाकी दृष्टिसे बाल संस्कार केन्द्र, निशुल्क कक्षाएं, स्वावलम्बनकी दृष्टिसे सिलाई-कढाई केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं ।

 

“घूम-फिरकर सभी समस्याओंका मूल राजनीति ही है । कुटुम्ब पृथक धर्मपालन न होनेके कारण है और यदि विस्तृत अध्ययन किया जाए तो इसके पीछे मूल कारण ही राजनीतिक इच्छाशक्ति ही है; अतः अब इसका पवित्रीकरण कर हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनाकर ही कुटुम्ब व्यव्स्थाको संरक्षित रखा जा सकता है । जब राजनीति शुद्ध होगी तो धर्मप्रसार होगा, धर्मप्रसार होनेपर सभी धर्माचरणी होंगें तो क्यों धनके पीछे उन्मत्त होकर भागेंगें ? और क्यों एकल कुटुम्ब व्यवस्था बढेगी ?”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : अमर उजाला



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