भाजपा सांसद सतीश गौतमका प्रखर वक्तव्य, अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालयसे हटाया जाए ‘मुस्लिम’ शब्द !!


जनवरी २९, २०१९

भाजपा सांसद सतीश गौतमने अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालयके नामपर आपत्ति प्रकट की है । उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयके नामसे ‘मुस्लिम’ शब्द हटाना चाहिए । मुस्लिम शब्द कठोर लगता है, जबकि हिन्दू शब्दके साथ एक भावना जुडी हुई है; इसलिए ‘मुस्लिम’ शब्दको अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालयके नामसे हटा दिया जाए ।

अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालयसे ‘मुस्लिम’ शब्द हटाए जानेकी भांति बनारस हिन्दू विश्वविद्यालयसे ‘हिन्दू’ शब्द हटाए जानेके प्रश्नपर सांसद गौतमने कहा कि, मुस्लिम कहो, तदोपरान्त हिन्दू कहो । मुस्लिम शब्द कठोर लगता है । हिन्दू एक नरम शब्द है । एक भावना है । हिन्दू रखनेमें कुछ भी अनुचित नहीं है । हिन्दुस्तानमें इसके साथ कोई समस्या नहीं होनी चाहिए । यदि हिन्दू शब्द हिन्दुस्तानमें नहीं है, तो फिर क्या होगा ? गौतमने कहा कि शिक्षाके क्षेत्रमें, मुस्लिम शब्द अश्रव्य लगता है । मैं ऐसे नामके विरुद्घ नहीं हूं; परन्तु मुझे लगता है कि यह अलीगढ विश्वविद्यालय है । इसे केवल अलीगढ विश्वविद्यालयका नाम दिया जाना चाहिए ।

गौतमने कहा कि मैं एएमयूका कोर्ट सदस्य हूं; परन्तु २०१४ से, मैं जबसे सांसद हूं, आजतक कोई भी ऐसी बैठक नहीं हुई, जिसमें ‘एएमयू’के सुधारकी बात हुई हो । केवल मतदखनके लिए ‘एएमयू’में बैठक बुलाई गई है । ‘एएमयू’ने कभी आरक्षण नहीं माना । इन्होंने अपनी समिति बना रखी है, उसमें कोई भी हिन्दू नहीं है और साक्षात्कारके नामपर ये सबको निकाल देते हैं । दिव्यांगोंके आरक्षणमें भी ये मुसलमानोंको भर रहे हैं ।

सांसदने कहा कि एएमयूके विरुद्घ इसलिए हूं; क्योंकि अफजल गुरु और मन्नान वाणीके समर्थनमें यहां ऐसे लोग हैं, जो नमाज पढते हैं और देश विरोधी उद्घोष लगते हैं । यहांके छात्र नेता भारत शासनके विरुद्घ वक्तव्य देते हैं ! यहां सर सय्यदके साथ राजा महेंद्र प्रतापका भी जन्मदिवस मनाया जाना चाहिए ।

 

“जो पवित्र हिन्दुस्तानकी हवाओंमें भी विष घोल रहे हों, वह नाम श्रव्य कैसे हो सकता है ? और अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय सदृश आतंकके पोषक संस्थानसे मुस्लिम नाम अथवा अन्य सभी पहचान छीन लेनी चाहिए अथवा उचित होगा कि ऐसे विश्वविद्यालयोंको ही बन्द करना चाहिए; क्योंकि इस विश्वविद्यालयमें इतने आतंकी तत्त्व पोषित हो चुके हैं कि इसका पवित्रीकरण असम्भव प्रतीत होता है ! देशको शिक्षीत आतंकियोंकी नहीं राष्ट्र निर्माताओंकी आवश्यकता है !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : भास्कर



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