‘फेसबुक’ने कश्मीरको बताया पृथक, विरोधके पश्चात क्षमा मांंगी !


मार्च २८, २०१९


फेसबुकने भारतके अभिन्न अंग जम्मू कश्मीरको पृथक देश बतानेके पश्चात अपने इस कृत्यपर क्षमा मांग ली है । सामाजिक जालस्थलके सुरक्षा नियक प्रमुख नैथनियल ग्लेचरने बुधवार, २७ मार्च २०१९ को एक ‘ब्लॉग’के माध्यमसे कश्मीरको पृथक देश बताया था । उन्होंने कश्मीरको भारतसे स्वतंत्र एक पृथक राष्ट्र बताया था । लोगोंद्वारा आपत्ति प्रकट करनेके पश्चात फेसबुकने इस ‘ब्लॉग’को हटा दिया । इसपर स्पष्टीकरण देते हुए कम्पनीने कहा, “हम ऐसे देश और क्षेत्रोंको सूचीबद्ध कर रहे थे, जिनपर ईरानी नेटवर्कका प्रभाव था । ऐसेमें हमने चूकसे कश्मीरको भी इस सूचीमें सम्मिलित कर लिया । ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था । हमने सुधार कर लिया है, हम क्षमा चाहते हैं ।”


गलेचारने अपने वैबदैनिकीमें (ब्लॉगमें) कश्मीरको भारतसे पृथक सत्ता बताते हुए उसे एक पृथक देशकी भांति सम्बोधित किया था । उन्होंने बताया कि ऐसे सहस्रों नकली पृष्ठ व खातोंको हटाया गया है, जिनकेद्वारा आपत्तिनजक सामग्रियां प्रेषित की जा रही थी । इनमें ऐसे ५१३ पृष्ठ व खाते सम्मिलित हैं, जो पृथक-पृथक देशोंमें चल रहे थे । ये मिस्त्र, भारत, इंडोनेशिया, इजरायल, इटली, कश्मीर, कजाकिस्तान, मिडिल ईस्ट और कुछ अफ्रीकी देशोंसे संचालित किए जा रहे थे ।

आपत्ति प्रकट करनेके पश्चात फेसबुकने कश्मीरका नाम इस सूचीसे हटा दिया है । फेसबुकने बताया कि ईरानी नेटवर्कके प्रभावसे ऐसा हुआ । इसके लिए उत्तरदायी लोगोंने छिपनेका प्रयास किया; परन्तु उसने इसका सिरा ईरानमें ढूंढ निकाला है ।


“गत दिवसोंमें फेसबुकका हिन्दुत्वनिष्ठोंके प्रति नकारात्मक व्यवहार उजागर हुआ है तो ऐसेमें क्या फेसबुकका विश्वास किया जा सकता है । यदि फेसबुक हिन्दुत्वनिष्ठोंके विरुद्घ हो सता है तो कश्मीरको पृथक क्यों  नहीं दिखा सकता; परन्तु वह यह भी जानता है कि आजकल भारतीयोंपर राष्ट्रीयताका ज्वर अत्यधिक तीव्र और एकाएक चढता है तो ऐसेमें यदि लोग खाते ही बन्द करेंगे तो एक दिवसमें ही औंधे मुंह आकर गिरेगा !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : ऑप इण्डिया



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