इस्लामिक ध्वजके साथ स्वागत करवानेवाले गांधी एकाएक बने हिन्दू, धोती पहन किया ‘बलि-तर्पणम्’ !!


अप्रैल १७, २०१९

कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधीने अपने पिता और पूर्व प्रधानमन्त्री राजीव गांधीके अस्थि कलशको केरलके वायनाड स्थित पापनाशिनी नदीमें विसर्जित किए जानेके लगभग तीन दशक पश्चात बुधवार, १७ अप्रैलको उसके तटपर उन्हें और अपने अन्य पूर्वजोंके लिए ‘बलि तर्पणम’ अनुष्ठान किया । उन्होंने गत सात पीढियोंके पूर्वजोंके प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए यह पावन विधान किया ।

‘दक्षिणके काशी’के रूपमें चर्चित तिरुनेली मन्दिर सुंदर घाटीकी गोदमें है और उसके चारो ओर पहाडियां और घने जंगल हैं । यह मंदिर भगवान महाविष्णुको समर्पित है । हिन्दू मान्यताके अनुसार, इस मन्दिरसे सटी पापनाशिनी नदीमें पूर्वजोंके लिए ‘बलि तर्पणम’ करना बडा पावन होता है । इस बार अपने पारम्परिक पारिवारिक गढ अमेठीके अतिरिक्त वायनाड सीटसे भी चुनाव लड रहे गांधी प्रतः हेलिकॉप्टरसे इस मन्दिरमें पहुंचे । उनके साथ पार्टीके कई नेता भी थे । पारम्परिक धोती और ‘कसावू’में आए ४९ वर्षीय नेता मन्दिरके गर्भगृहमें भगवानके सामने नतमस्तक हुए और ‘हुंडी’में ‘कनिक्का’ अर्पित किया ।

गांधी मन्त्रोच्चार कर रहे पुरोहितकी बात सुनते और तर्पणमके लिए उसके निर्देशोंका पालन करते हुए दिखे । राजीव गांधीके अतिरिक्त पूर्व प्रधानमन्त्री इंदिरा गांधीके लिए भी अनुष्ठान किए गए । गांधी इस मंदिरमें लगभग ४५ मिनट रहे ।

मंदिरमें उनके साथ रहे कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपालने बताया, ‘राजीव और इंदिराके अतिरिक्त कांग्रेस प्रमुखने पुलवामा आतंकी आक्रमणमें हुतात्मा हुए सैनिकों और अन्यत्र अपने प्राण गंवानेवाले दल कार्यकर्ताओंके लिए भी अनुष्ठान किया ।’ उल्लेखनीय है कि १९९१ में राजीव गांधीका अस्थि कलश पापनाशिनी नदीमें विसर्जित किया गया था । राजीव गांधी २१ मई, १९९१ को चुनाव प्रचारके समय तमिलनाडुके श्रीपेरूम्बदुरमें हुए बम विस्फोटमें मारे गए थे ।

 

“कुछ दिवस पूर्व इस्लामिक ध्वजके साथ राहुल गांधीके स्वागतके समाचार आए थे और आज वे धोती लपेटकर पूजा कर रहे हैं और वह भी १९९१ के पश्चात, जहां उनके पिताकी अस्थियां प्रवाहित हुई थी ! नेताओंको क्या लगता है कि अब लोगोंको कुछ समझ नहीं आता है ? नेता अब इन कृत्योंसे हिन्दुओंको लुभानेका प्रयास न करें; क्योंकि २१ शताब्दीका हिन्दू जागृत है और इन सबसे फंसने नहीं वाला है । ” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : ऑप इण्डिया



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