एक खरा हिन्दू ही सम्पूर्ण जीवमात्रका कल्याण सोच सकता है और चींटीतकको बिना कारण कष्ट नहीं पहुंचा सकता तथा राष्ट्र एवं धर्मको हानि पहुंचानेवालेको कठोर दण्ड दे सकता है । ऐसे ही हिन्दूके बारेमें गुरु गोविन्द सिंहजीने कहा था, ‘सवा लाख ते एक लडाऊं, चिडिते बाज लडाऊं’ ।
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