आगे लोग अपने कुटुंबसह आश्रममें रहने आने लगेंगे !
कुछ दिनोंसे मेरे पास मेरे कुछ परिचितोंके दूरभाष आने लगे हैं | वे कह रहे है कि कुछ वर्ष पूर्व जब आप हमें आपातकालके विषयमें बता रही थीं तो हमने उसे गंभीरतासे नहीं लिया; किन्तु अब अकस्मात जब ये सब होने लगा है और लोगोंमें हिन्दू राष्ट्रके प्रति प्रेम निर्माण होने लगा है तो आपसे बात करनेकी इच्छा हुई !
अभी तो दूरभाष आ रहे हैं आगे लोग अपने कुटुंबसह आश्रममें रहने आने लगेंगे ! वैसे इसकी भी पूर्वसिद्धता ईश्वर मुझसे करवा रहे हैं ! – (पू.) तनुजा ठाकुर
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