निधर्मी शिक्षण प्रणालीसे उपजे उच्च शिक्षित लोगोंकी स्वार्थी एवं विवेकशून्य वृत्ति !


हमारी इस निधर्मी शिक्षण प्रणालीसे उपजे अनेक उच्च शिक्षित लोग स्वार्थी एवं विवेकशून्य होते हैं । इसके अनेक उदहारण इस आपातकालमें देखनेको मिले हैं, दो उदहारण देती हूं । एक महोदय भारतीय प्रशासनिक सेवाके अधिकारी हैं, उन्हें ‘कोरोना’ सन्दिग्ध होनेके कारण एकाकी रहनेको कहा गया था; किन्तु वे बिना बताए केरलसे कानपुर पहुंच गए ! दूसरे महोदय आगरामें चिकित्सक हैं; किन्तु वे अपने ‘कोरोना’ पीडित पुत्रकी चिकित्सा अपने ही घरमें कर रहे थे ! ये तो मात्र दो उदहारण दिए हैं, ऐसे आपको अनेक उदहारण मिल जाएंगे; इसलिए हिन्दू राष्ट्र आते ही इस निधर्मी शिक्षण प्रणालीको हटाकर धर्म अधिष्ठित गुरुकुल प्रणालीवाली शिक्षण पद्धति पारित की जाएगी, जिससे विवेकशून्य शिक्षितोंकी पीढी पुनः निर्माण न हो !


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution