०३ दिसंबर, २०२०
भारतकी धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्वीकार्यताका क्षेत्र अत्यन्त विशाल है । यही कारण है कि विश्वभर भरके लोग इससे सम्बन्धित वस्तुओंमें अपनी अटूट आस्था दर्शाते हैं । इसीके अन्तर्गत फ्रांसके राजदूत इमैनुएल लेनिन अपनी पत्नीके साथ उज्जैन स्थित महाकाल मन्दिरका दर्शन करने आए ।
गत कुछ समयसे फ्रांस डटकर कट्टरपन्थी शक्तियोंका सामना कर रहा है । ऐसेमें फ्रांसके राजदूतका महाकालकी शरणमें आना भारतके लिए राजनीतिक और धार्मिक दोनों दृष्टिकोणसे सकारात्मक है । दर्शनके पश्चात उन्होंने घोषणाकी कि फ्रांस शासन महाकाल मन्दिर विकास योजना में ८० कोटि रुपए दान करेगी ।
७ नवम्बरको फ्रांसके राजदूत मध्य प्रदेश आए थे । इन्दौरमें ठहरनेके अन्तराल उन्होंने महाकाल दर्शनका निर्णय लिया था, जिसके पश्चात वे शनिवारको महाकालके दर्शनके लिए निकले ।
‘मीडिया’ ब्यौरेके अनुसार, फ्रांसके राजदूतने पूरे विधि-विधानसे पूजा पाठ किया । मन्दिरके गर्भगृहमें प्रवेश बन्द होनेके कारण इमैनुएल लेनिनको नन्दी हॉलसे ही दर्शन करना पडा । मन्दिरके पुजारी रमण त्रिवेदीने फ्रांसके राजदूतसे पूजा पाठ सम्पन्न कराया ।
हिन्दुओंके लिए यह अत्यन्त प्रसन्नताका विषय है कि विश्वभरमें हिन्दू धर्मके प्रति श्रद्धा है और अब फ्रांस कट्टरपन्थका मुखर विरोध कर रहा है तो उन्हें महाकालका साथ भी अवश्य मिलेगा और भारतमें भी धर्मकी यही लहर बहेगी और हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना होगी ! – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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