०९ दिसम्बर, २०२०
नेपालकी जनता एक बार पुनः ‘हिन्दू राष्ट्र’की इच्छा लेकर सडकोंपर उतरी है । सहस्र लोगोंने राजशाहीको वापस लानेके लिए हो रहे आन्दोलनमें सहभागी हुए तथा सडकोंपर विरोध प्रदर्शन किया । काठमाण्डूमें नेपालके राष्ट्रीय झण्डेको लेकर लोग सडकोंपर आए । इस रैलीकी योजना पहलेसे ही तैयार कर ली गई थी एवं बडे ही व्यवस्थित प्रकारसे लोगोंने यह विरोध प्रदर्शन किया, जिससे वहांका शासन क्रुद्ध है ।
इस विरोध प्रदर्शनका सबसे बडा रूप शनिवार, ५ दिसम्बरको देखनेको मिला । लोगोंने कहा कि अब समय आ गया है, जब हिमालयपर स्थित इस भूमिको न केवल पुनः हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाए, वरन संवैधानिक राजशाहीको भी वापिस लाया जाए । उन्होंने वर्तमान शासन एवं व्यवस्थाको हर प्रकारसे विफल बताया । जनताका कहना था कि देशके हितमें तथा लोगोंकी सुरक्षाके लिए ऐसा होना आवश्यक है ।
२०१५ में नेपालका नवीन संविधानका निर्माण हुआ था और २०१७ में चुनाव हुए थे । प्रधानमन्त्री ओली भी वर्तमान व्यवस्थापर भरोसा प्रकट करते हैं और साथ ही लोकतान्त्रिक व्यवस्थाको सशक्त करनेका प्रयास कर रहे हैं। नेपालकी सत्ताधारी और विपक्षी समुदाय, दोनोंके ही विफल रहनेके पश्चात लोग क्रुद्ध हैं और पुरानी व्यवस्थाकी ओर लौटना चाहते हैं । महामारीकी आपदाने इस सोचको और दृढ किया है । नेपालमें भ्रष्टाचार भी चरमपर है ।
अभी तो मात्र नेपालकी जनताने हिन्दू राष्ट्रके लिए याचना की है, यदि भारतके लोग भी इसी प्रकार हिन्दू राष्ट्रके लिए याचना करें, तो हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना होना अत्यन्त सरल हो जाएगा । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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