उत्तर प्रदेशमें लव जिहादपर नवीन विधान आनेके पश्चात एक माहमें बनाए गए ३५ बन्दी और १२ प्राथमिकी प्रविष्ट
२७ दिसम्बर, २०२०
लव जिहादके प्रकरणपर नियन्त्रणके लिए उत्तर प्रदेशका योगी शासन २७ नवम्बरको विधि विरुद्ध धर्म सम्परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश २०२० लेकर आया था । इस शासनको लागू किए जानेके पश्चात ही कार्यवाहीका प्रकरण जारी है । इस विधानको लागू हुए एक माह हो चुका है और इस अवधिमें लगभग १२ प्राथमिकी प्रविष्ट हो चुकी है और ३५ लोग बन्दी बनाए गए है । पुलिसने राज्यमें प्रतिदिन लगभग एकसे अधिक प्रकरण प्रविष्ट किए हैं ।
कालान्तरमें ही उत्तर प्रदेशके मुख्यमन्त्रीने भी इस मुद्देपर वक्तव्य दिया था । उत्तर प्रदेशके मेरठमें एक जनसभाको सम्बोधित करते हुए मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथने कहा था, “ जब सुरक्षाके साथ सेंध लगानेवाला कोई भी ऐसा दुराचारी अपराधी बहन-बेटियोंकी सुरक्षाके साथ खिलवाड करे तो उसकी ‘राम नाम सत्य”की यात्रा भी निकालनी चाहिए । यह कार्य हम और पुलिस-प्रशासन सुनिश्चित करें ।”
कठिनाई यहीं है । कितने बन्दी बनाए गए हैं, यह मुख्य बात नहीं है, वरन मुख्य बात यह है कि बन्दी बनानेके पश्चात जिहादियोंमें भय कितना उत्पन्न हुआ है ? जिहाद कितना रूका है ? और जिहादके लिए मरने-मारनेको सज्ज मस्जिदोंसे प्रशिक्षित ये आतङ्की तभी सुधरेंगे, जब इनकी ‘राम नाम सत्य’की यात्रा शासनद्वारा वास्तवमें निकाली जाएगी और उससे भय निर्माण होगा ! – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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