नेपालके काठमाण्डूके मार्गोंपर हिन्दूराष्ट्रके लिए प्राण न्योछावर करनेवालोंने किया प्रदर्शन


०३ जनवरी, २०२१
      नेपालमें हिन्दूराष्ट्रकी पुनर्स्थापनाके लिए मार्गोंपर प्रदर्शन किया गया । पूर्व उप प्रधानमन्त्री कमल थापाने नेपालमें राजतन्त्र और हिन्दूराष्ट्र लाने हेतू सर्वदलीय बैठकके आयोजनकी मांग की है और मांग पूर्ण नहीं होनेपर भारी विरोध प्रदर्शनकी चेतावनी भी दी है ।
      कमल थापाने एक जनसभाको सम्बोधित करते हुए कहा कि आरम्भमें यह केवल हमारा विचार था; किन्तु नेपालका जनमानस अब इसी विषयपर आ गया है । कुछ अन्य लोग पुनः ऐसा चाहते हैं या नहीं; किन्तु वे सभी इसीके बारेमें ही वार्तालाप करते रहते हैं । इसी कारण सभी दलोंको एक-साथ बैठक करनी चाहिए । कमल थापाने चेतावनी दी कि नेपालको हिन्दू राष्ट्रकी श्रेणीमें लानेके लिए वे मर-मिटनेको भी उद्यत हैं ।
        कमल थापाने बताया कि कुछ दल संसद भंग होनेकी गम्भीरताको नहीं समझ पा रहे हैं और वे देशको अन्धकारकी ओर धकेल रहे हैं । यद्यपि चीन और भारतके उच्चस्तरीय अधिकारियोंने इस समस्यार्थ नेपाल आकर प्रयास किया; तथापि हमें क्या करना है ?, इसका अवसर हमें दूसरोंको नहीं देना चाहिए ।
        ‘देशको बचानेके लिए राजतन्त्रको लौटाकर लाना होगा’, ‘दलोंसे ऊपर देश’, ‘राजाको लाओ, देशको बचाओ’के उद्घोषोंके साथ नेपालमें राजतन्त्रके लिए प्रदर्शन किए जा रहे हैं । इन प्रदर्शनोंको राष्ट्रीय प्रजातन्त्र दल, राजतन्त्र समूहों और राजतन्त्र समर्थक नागरिकोंका समर्थन प्राप्त है ।
       नेपालके गृहमन्त्रालयने देशके ७७ जनपदोंको बलपूर्वक इन प्रदर्शनोंको समाप्त करनेके लिए कहा है ।

        एक छोटेसे देशकी जनता जागरूक हो गई है और पुनः हिन्दूराष्ट्र लानेके लिए देशभरके हिन्दू उत्साहित होकर बलिदान देनेके लिए उद्यत हैं । क्या भारतवासी भी उनसे ऐसी सीख ले सकेंगे ? क्या भारतके लोग भी इसी प्रकार अपने देशको हिन्दूराष्ट्र बनानेके लिए जाग्रत होकर प्रयास करेंगे ? नहीं करेंगे तो स्मरण रखें कि परिस्थितियां और समय अपने आप करवाएंगे । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ

स्रोत : ऑप इंडिया



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