६० वर्षसे कन्दरामें रह रहे ८३ वर्षके संन्यासी शंकर दासने राम मन्दिर निर्माण समितिको दिए १ करोड रुपये
३१ जनवरी, २०२१
अयोध्यामें भव्य श्रीराम मन्दिर निर्माणके लिए ऋषिकेश नीलकण्ठ मार्गपर कन्दरामें रहनेवाले ८३ वर्षीय सन्त स्वामी शंकर दासने एक करोड रुपयेका दान दिया है । स्वामी शंकर दास महाराज टाटवाले बाबाके नामसे भी विख्यात हैं । स्वामी शंकरदासने अपने गुरु टाटवाले बाबाकी कन्दरामें मिलनेवाले श्रद्धालुओंके दानसे यह धनराशि जोडी थी । स्वामी शंकर दास विगत ६० वर्षोंसे कन्दरामें रह रहे हैं ।
जब स्वामी शंकर दास बुधवार २७ जनवरीको एक करोड रुपये धनादेशके साथ ऋषिकेश स्थित भारतीय ‘स्टेट बैंक’की मुख्य शाखा पहुंचे, तो वहांके कर्मचारी विस्मित रह गए । ‘बैंक’ कर्मचारियोंने सन्त स्वामी शंकर दासके खातोंकी जांच की तो पाया कि उनके ‘चेक’ सही थे । दान प्रक्रियाको पूर्ण करनेके लिए आरएसएसके पदाधिकारियोंको बुलाया गया ।
शंकरदास महाराजका जीवन बहुत ही सरल है । उन्होंने अपने जीवनके ६० वर्ष एक कन्दरामें बिताए हैं । उनके गुरु टाटवाले थे, जो कि महर्षि महेश योगी, विश्व गुरु महाराज और मस्तराम बाबाके समकालीन थे । वेद निकेतनके महामण्डलेश्वर स्वामी विजयानन्द सरस्वतीने कहा कि बाबा स्वामी शंकरदास महाराज, जिनके पास मात्र एक बोरी थी, उन्होंने सभी सुख-सुविधाओंको त्याग दिया था । वे पिछले ४० वर्षोंसे श्रीराम मन्दिरके लिए पैसा जुटा रहे हैं ।
यमकेश्वर प्रखण्डके मणिकूट पर्वतकी तलहटीमें बसे हुए पौराणिक नीलकण्ठ महादेव मन्दिरकी इस कन्दरामें कई वर्षोंसे श्रद्धालु आकर दान और चढावा दिया करते थे । इस मध्य टाटवाले बाबा मन्दिरके लिए धन संग्रह करते रहे । अब समय आनेपर अयोध्या श्रीराम मन्दिर निर्माणके लिए जुटाए जा रहे धनमें संन्यासीने एक करोड रूपये समर्पण निधिमें दान कर दिए ।
भारत भूमि साधु, सन्तोंकी त्याग और समर्पणकी भूमि रही है और ऐसेमें एक सन्तके द्वारा इतने धनका निःस्वार्थ भावसे त्याग उनकी महत्ताको सिद्ध करता है । अतः हमारे आदर्श श्रीराम भगवानके मन्दिरके लिए सभीको दान करना चाहिए । यह सुखद है कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यासको सभी अपना धन सहयोग दे रहे हैं, इससे मन्दिर तो भव्य बनेगा ही, साथ ही सम्पूर्ण विश्वमें हिन्दुओंकी चेतना और जाग्रतिका सन्देश भी जा रहा है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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