आगामी आपात्कालकी भीषणताको देखते हुए सर्वत्र गोशाला आरम्भ करना आवश्यक !


     वर्तमान कालकी ‘बन्दी’में नगरीय (शहरी) क्षेत्रोंमें रहनेवालोंको दूध पर्याप्त मात्रामें न मिलनेकी समस्या हो रही है । आगामी तीन-चार वर्षोंकी भीषणताको देखते हुए हम सभीको यह अति आवश्यक दैनिक सामग्री सहज उपलब्ध हो सके, इस हेतु कुछ प्रयास, जैसे ही इस महामारीका प्रकोप समाप्त हो, वैसे ही आरम्भ कर देना चाहिए । इस हेतु नगरके प्रत्येक ‘वार्ड’में एक गोशाला आरम्भ करनी चाहिए । यदि किसी व्यक्तिका घर बहुत बडा और रिक्त हो तो उसकी अनुमति लेकर इसे आरम्भ कर सकते हैं या किसी मन्दिरमें या विद्यालय अथवा चिकित्सालयमें भी यदि उपयुक्त स्थान हो तो भी गोशालाका निर्माण आरम्भ किया जा सकता है ।  यह करना इसलिए आवश्यक है; क्योंकि आज तो मालवाहक रेलयान चल रहे हैं; किन्तु पेट्रोल और डीजलकी अत्यधिक कमी होनेपर ट्रक और रेलयानके परिचालनमें भी व्यवधान आ सकता है, ऐसा समय आ रहा है । इसलिए दैनिक उपयोगकी सभी सामग्रियोंकी उपलब्धता हमारे आस-पास हो सके, ऐसा नियोजन कर हमें शासन और प्रशासनकी अभीसे सहयता करनी चाहिए; क्योंकि सवा अरबकी जनसंख्याका लम्बे समयतक कोई भी निधर्मी प्रशासनिक तन्त्र अधिक समयतक पालन-पोषण नहीं कर सकता है; अतः अभीसे उपाययोजना बनानेमें ही बुद्धिमानी होगी ।
     दूध सहजतासे मिले, इस हेतु नागरिकोंके सहयोगसे सर्वत्र गोशाला आरम्भ की जाना चाहिए । गोशालामें दो-तीन बातोंका ध्यान रखा जाना चाहिए । एक तो कि वह इतनी निकट हो कि पैदल जाकर दूध लिया जा सके, दूसरी बात है मात्र देसी गायें ही उसमें हों एवं तीसरी बात है कि दूध उसीको मिले जो गोशालामें आकर शारीरिक श्रमदान अथवा सेवा करे । यह प्रारूप ग्रामीण भागोंमें भी अपनाया जा सकता है । साथ ही जिनके भी घरमें गोपालन हेतु स्थान हो, वे अवश्य ही गोपालन आरम्भ कर दें, इससे उन्हें आपातकालमें आयका साधन भी उपलब्ध होगा ।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution