रिजवीने मौलनाको हडकाया, सिद्ध करे कि वह राम मन्दिर नहीं, वरन एक मस्जिद है !


जनवरी ४, २०१८

उत्तर प्रदेश ‘शिया वक्फ बोर्ड’के अध्यक्ष वसीम रिजवी शुक्रवार, ४ जनवरीको एक सीधी प्रसारित सामूहिक वार्तामें मौलाना अंसार रजासे भिड गए ! यह प्रकरण आजतकके ‘दंगल’ कार्यक्रमका है । शामको रोहित सरदाना ‘राम मंदिरपर तारीखपर तारीख’ विषयको लेकर चर्चाका संचालन कर रहे थे । उसी समय रिजवीने कहा, “यदि मंदिरका प्रकरण मुस्लिमोंको निर्धारित करना होता तो यह अब तक यह झगडा समाप्त हो चुका होता । चूंकि मुसलमान नहीं, इसके उत्तरदायी हमारे धर्मके ठेकेदार हो गए हैं । ‘हमने हक क्या बोला, हम बेइमान हो गए ।’ हमारे धर्मके शैतान मुसलमान हो गए ।’”


मौलाना उनकी इसी बातपर बुरा मान गए । उन्होंने रिजवीसे कहा कि आपसे बडा राक्षस कौन है ?, आप अशिष्ट हैं । दोनोंके मध्य झगडेकी स्थिति उत्पन्न हो गई । अन्य वक्ताओं और अतिथियोंने प्रकरण शांत कराया ।

वार्तामें आगे मस्जिदकी बात आई, तब ‘शिया वक्फ बोर्ड’के अध्यक्षने कहा, “आप उसे मस्जिद कह नहीं सकते । वह मस्जिद होगी, तब ‘शहादत’की बात आएगी न । वह मस्जिद कब थी ? आप लोग अल्लाहके घरके नामपर असन्तुलन उत्पन्न कर रहे हैं । आप किसी भी स्थानको मस्जिद कह देंगें ! आप सिद्ध करें कि वहांपर मस्जिद है !

 

“वस्तुतः वसीम रिजवीजी एक शिक्षीत, खुले मस्तिष्कके विचारशील व विवेकी व्यक्ति है, तभी तो मुसलमान होनेपर भी सदैव सत्यका (राम मन्दिरके) पक्षधर होते हैं और इन्होंने कोई धर्म परिवर्तन भी नहीं किया है, बस असत्य व अधर्मके पक्षमें नहीं बोलते हैं जो मौलानाओंकी सत्यता है । सुप्त व विवेकहीन हिन्दुओंको इनसे अवश्य ही शिक्षा लेनी चाहिए ।”

 

स्रोत : जनसत्ता



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