अपने वास्तुको बनाए आश्रम समान चैतन्यमय (भाग- २)


वास्तुको चैतन्यमय बनानेमें पूजा घरका बहुत बडा हाथ होता है उसका निर्माण एवं रख -रखाव उत्तम ढंगसे करें | इस विषयमें भी आपको पूर्वके लेखोंमें विस्तृत मार्गदर्शन किया ही जा चुका है अतः इसे बतानेकी आवश्यकता नहीं है ! पूजा-घरसे निकलनेवाला चैतन्य घरककी नकारात्मक शक्तिको न्यून ही नहीं करती है वरन उसे घरमें प्रवेश करनेसे रोकती भी है ! इसलिए पूजाघरमें शास्त्रोक्त रचना कर एवं उसमें नित्य पूजा आरती कर उसकी पवित्रता और चैतन्यको बढाते रहें ! पूजाघरमें भूलसे भी अपने पितरोंके छायाचित्र न रखें यह क्यों एवं इससे क्या हानि हो सकता है यह भी आपको पूर्वके सत्संगोंमें बतया जा चुका है !



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