आर्थिक संकटको दूर करनेके कुछ उपाय (भाग-१)


आज अनेक लोगोंको आर्थिक संकट है, वे इस विषयपर समय-समयपर मुझसे पूछते हैं कि इसका निवारण कैसे करें ? ; इसलिए इस लेख शृंखलाके माध्यमसे आपको इस सम्बन्धमें कुछ तथ्य बतानेका प्रयास करेंगे, जो सम्भव हो, उनका पालन करनेका प्रयास करें, आपको ईश्वर निश्चित ही इसका शुभ परिणाम देंगे  ! यदि कोई व्यक्ति अत्यधिक प्रयास कर भी अपने परिवार हेतु जीविकोपार्जनकर अपनी गृहस्थी नहीं चला पाता है तो यह उसके प्रारब्धका भी दोष हो सकता है ! प्रारब्धकी तीव्रता प्रथम कुलदेवता एवं उसके आगे गुरु न्यून कर सकते हैं | इसलिए निम्नलिखित उपाय करें – १. अपने कुलदेवताके मूल स्थान या मूल मन्दिरमें सपरिवार वर्षमें एक बार जाकर सर्व कुलाचार पालन करें | २. प्रतिदिन अपने कुलदेवताका नाम लेकर पांच पुष्प कुलदेवताको नियमित पूजा करते समय चढाएं | ३. जिन्हें गुरुमंत्र नहीं मिला तो वे प्रतिदिन कमसे कम तीन माला अपने कुलदेवताका नाम लेकर जप करें, यदि नाम पता न हो तो ‘श्री कुलदेवतायै नमः’ यह जप करें | इसमें यदि आपकी निष्ठा नहीं हो तो किसी इष्टदेवताको अपना कुलदेवता मानकर उनकी तीन माला करें | ४. कुलदेवताकी पूजामें या देखरेखमें, यदि आपके कुटुम्बमें उपेक्षा हुई हो तो उनसे क्षमा याचना करें | ५. कुलदेवताका मंदिर या स्थान उपेक्षित पडा हो तो उसे ठीक करा दें एवं उसकी पूजा नियमित हो, इसकी व्यवस्था करें ! ध्यान रहे, जैसे एक सामान्य गृहस्थ अपने माता-पिताकी उपेक्षा कर कभी भी सुख-शांतिसे नहीं रह सकता है, वैसे ही कुलदेवता हमारे अध्यात्मिक माता-पिता होते हैं, उनकी उपेक्षा कर हम जीवनमें आगे नहीं बढ सकते हैं या प्रारब्धकी तीव्रताको नहीं सहन कर सकते हैं ! 



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