हमारे घरके वास्तुको अनिष्ट शक्तियोंसे रक्षण करनेमें भी कुछ सात्त्विक पौधोंका भी बहुत अधिक महत्त्व होता है | ये पौधे दैवी तत्त्वको आकृष्ट कर हमारे घरमें सुख और समृद्धि लाते हैं ! ऐसा ही एक औषधीय गुणोंवाला दिव्य पुष्पका पौधा है अपराजिता ! ये इकहरे फूलोंवाली बेल भी होती हैं और दुहरे फूलोंवाली भी । पुष्प सीपके आकारके होते हैं । मध्यमें एक पुष्प योनि आकारकी प्रतीत होनेके कारण इसे भग पुष्पी भी कहते हैं । फूल भी दो प्रकारके होते हैं – नीले और श्वेत(सफेद) । ये पुष्प शक्ति तत्त्वको आकर्षित करती हैं | यह एक लता समान होती है एवं इससे घरमें अनिष्ट शक्तियोंद्वारा निर्माण किया गया आवरण तो दूर होता ही है साथ ही इन्दौर नगरके आयुर्वेदाचार्य एवं वैद्यराज श्री प्रेम जोशीजीके अनुसार यदि श्व्वेत अपराजिताके लताओंको मुख्य द्वारमें अर्धचन्द्राकार आकृतिमें लगा दी जाए तो कोई राग, द्वेष या अवसादयुक्त व्यक्ति पार कर जाए तो उनके ये मनोरोग भी दूर हो जाते हैं अर्थात यह सूक्ष्मसे हमारे वलयको भी शुद्ध करनेकी क्षमता रखता है ! मारक स्वरुपकी देवीकी उपासनामें अर्थात काली या दुर्गाकी उपासनामें इसके नीले रंगके पुष्पको देवीको चढा सकते हैं | आप इसे अपने घरके आंगनमें या चारदीवारीपर लगा सकते हैं ! श्वेत अपराजिता लक्ष्मी तत्त्वको विशेष रूपसे आकर्षित करती है; अतः जिन्हें बहुत अधिक आर्थिक कष्ट रहता हो वे इसे अपने घरमें लगानेका प्रयास करें एवं लक्ष्मीको अर्पित करें | यदि घरके नकारात्मक वास्तुके कारण आर्थिक कष्ट हो रहा हो तो ऐसे कुछ पौधोंको लगानेसे निश्चित ही लाभ मिलता है | आगेके लेखोंमें आपको ऐसे ही कुछ अन्य दिव्य पौधोंके विषयमें बताएंगे |
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