आर्थिक संकटको दूर करनेके कुछ उपाय (भाग-७)


अपने घरमें तुलसी और शमीके पौधे लगाएं | ये दोनों ही वास्तुकी शुद्धि करते हैं | तुलसी जहां विष्णु तत्त्वको आकृष्ट करती है वही शमी घरमें शिव व गणपति तत्त्वको बढाता है, इसमें नैसर्गिक रूपसे तेज तत्त्व रहता है जिसके कारण अनिष्ट शक्तियां घरमें प्रवेश नहीं कर पाती हैं | इसे घरके भीतर नहीं वरन बाहर लगाना चाहिए | शमीके पौधेको घरसे बाहर निकलते समय दाहिने हाथकी ओर हो ऐसे लगाना चाहिए अर्थात आग्नेय कोणमें लगाना चाहिए | वैसे चूंकि इसमें दैवी तत्त्व अधिक होता है अतः इसे पूर्वोतर कोणमें भी लगया जा सकता है | इसप्रकार रखना चाहिए उसे प्रवेश द्वारके आसपास लगाना चाहिए | तुलसी व शमीकी श्रद्धापूर्वक सेवा करनेसे घरकी नकारात्मकता तो दूर होती ही है साथ ही दैवी शक्तिका प्रवेश होता है एवं ऐश्वर्यमें भी वृद्धि होती है | जिस घरमें अधिक वास्तु दोष होता है वहां ये दोनों पौधे नहीं टिकते हैं | शमीका वृक्ष राहुके प्रकोपसे भी बचाता है |  शमीके पौधेमें प्रत्येक शनिवारको सरसोंके तेलका दीपक लगानेसे एवं शनि देवको इसके पत्ते अर्पित करनेसे  शनि दोष भी दूर होता है और हमारे प्रारब्धकी तीव्रता अनुसार अर्थात पूर्व जन्मोंके पाप कर्मके कारण यदि आर्थिक कष्ट हो तो वह न्यून होता है ! ऐसा कहा गया है कि शनिकी शांति हेतु काले तिल व शमीकी लकडीसे शनिवारके दिवस हवन करनेसे भी आर्थिक कष्ट न्यून होता है |
इसका पुष्प शिव तत्त्वको आकृष्ट करता है इसलिए इसे शिवजीको प्रत्येक दिवस या वह सम्भव न हो तो प्रत्येक सोमवार चढा सकते हैं |
वैसे ही इसमें गणपति तत्त्वको भी आकर्षित करनेकी क्षमता होती है इसलिए इसे प्रत्येक बुधवारको दूर्वाके साथ चढा सकते हैं | ऐसे करनेसे रिद्धि सिद्धि प्रसंन्न होती हैं |
जैसे स्वस्थ तुलसी हमारी आध्यात्मिक प्रगतिकी परिचायक होती है वैसे ही घनी पत्तियोंवाली शनि वृक्ष सुख-ऐश्वर्यका परिचय देती है |


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