‘आईपीएस’ शफीक अहमद और ‘एडीजी’ जकी अहमदपर हिन्दू ‘सिपाहियों’ने लगाया उत्पीडनका आरोप, बोले, “बलात बनवाते है मांस”
१८ जुलाई, २०२२
उत्तर प्रदेशके सीतापुरमें ‘पीटीसी’में पद स्थापित ‘आईपीएस’ अधिकारी शफीक अहमद सहित ‘एडीजी’ जकी अहमदपर कर्मचारियोंने गम्भीर आरोप लगाया है । कर्मचारियोंने ‘आईपीएस’ शफीक अहमदपर प्रताडित करनेका आरोप लगाया है । इतना ही नहीं प्रताडित कर्मचारियोंने मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथसे भी न्यायका आह्वान किया है । ‘एडीजी’ जकी अहमदपर संरक्षण देनेका आरोप लगा है ।
निलम्बित कर्मचारियोंका आरोप है कि ‘आईपीएस’ शफीक अहमद गत ६ वर्षोंसे निरन्तर ‘पीटीसी’में नियुक्त हैं, जिनकेद्वारा हिन्दू कर्मचारियोंका निरन्तर उत्पीडन किया जा रहा है । निलम्बित ‘सिपाहियों’का कहना है कि ‘आईपीएस’ शफीक अहमदके द्वारा हिन्दू कर्मचारियोंसे बलात मांस बनवाया जाता है, न बनानेवाले कर्मचारियोंका निलम्बनकर उत्पीडन किया जाता है।
निलम्बित कर्मचारियोंका यहांतक आरोप है कि ‘एडीजी’ जकी अहमदकी पद स्थापना होनेके उपरान्त इन मुसलमान अधिकारियोंको पूरा संरक्षण प्राप्त हो गया है । जिसके पश्चात ‘पीटीसी’के भीतर जात-पातका भेदभाव किया जा रहा है । बता दें कि कानपुरमें ‘एडीजी’ जकी अहमदकी पद स्थापनाके समय ५३ हिन्दू कर्मचारियोंने भी गम्भीर आरोप लगाए थे, जिसके उपरान्त ‘पीएमओ’से ‘एडीजी’ जकी अहमदकी जांच कराई जा रही है । कर्मचारियोंके आरोप इतने गम्भीर हैं, इसके उपरान्त इनकी सुध लेनेवाला कोई नहीं है ।
जिहादी कितने भी उच्च पदोंपर हों; किन्तु अपनी जिहादी मानसिकतासे बाहर नहीं आते । जो अपने ही अधीनस्थ कर्मचारियोंको खिन्न करते हैं, ऐसे अधिकारियों एक क्षण भी पदपर रहनेका अधिकार नहीं हैं । शासनको चाहिए कि ऐसे जिहादी मानसिकतावाले अधिकारियोंको शीघ्र सेवामुक्त करे । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
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