आजकल अनके बच्चोंको गर्भसे अनिष्ट शक्तियोंका कष्ट होता है, इसकारण गर्भवती माताको या तो भिन्न प्रकारका कष्ट होता है या गर्भस्थ शिशुको होता है या जन्मसे पूर्व या जन्मके पश्चात कष्ट होता है । कुछ दिवस पूर्व मैं नासिक गई थी, वहां भी एक दो वर्षीय बच्चेको जब देखा तो ज्ञात हुआ कि उसके ऊपर अनिष्ट शक्तिने अत्यधिक सूक्ष्म काला आवरण निर्माण किया है । उसके घरमें अत्यधिक पितृदोष है और वह बच्चा बहुत सात्त्विक है ! उनकी माताजी सत्संगमें आई थी । मैंने उन्हें, जब उनका बच्चा सो जाए तो उसके सिरपर हाथ रखकर ‘ॐ श्री गुरुदेव दत्त’का जप प्रतिदिन १५ मिनिट करना बताया ! दो दिवस पश्चात ही उस स्त्रीने बताया कि उसका बच्चा प्रातः तीन बजेसे पांच बजे अकारण उठ जाता था, जबसे उन्होंने यह नामजप आरम्भ किया है, तबसे वह अच्छेसे सोता है और प्रातः समय अनुसार उठता है !
इसे स्पर्श चिकित्सा कहते हैं । यह आप किसी भी आयुके व्यक्तिके साथ, जिन्हें आध्यात्मिक कष्ट हो उनके ऊपर भी कर सकते हैं ।
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