झारखण्ड शासनके प्रयाससे, देवघरमें बेलपत्र और पुष्पोंके चढावेसे बन रहा ‘जैविक उर्वरक’ !


अगस्त १८, २०१८

देवघरमें सावनके माहमें प्रत्येक दिवस लाखों श्रद्धालु बाबापर जलाभिषेक करते हैं । साथ ही बेलपत्र और पुष्प चढाते हैं । पहले बेलपत्र और पुष्पको कूडेके साथ फेंक दिया जाता था; लेकिन अब रघुवर शासनने बेलपत्रसे उर्वरक बनानेका निर्णय किया है, जो स्वच्छताके लिए तो उत्तम है ही, साथ ही उर्वरक क्षमताकी भी वृद्धि कर रहा है ।

देवघरमें प्रत्येक वर्ष लगभग एक कोटि भक्त आते हैं और सभी गंगाजल, बेलपत्र और पुष्पसे बाबाको अपनी पूजा समर्पित करते हैं । आस्था और श्रद्धाके साथ चढाए गए इन पुष्पों और बेलपत्रंको पूजाके पश्चात फेंक दिया जाता था, जिससे आस्थाको तो ठेस पहुंचती ही थी, लोग गंदगी और दुर्गन्धसे भी परेशान रहते थे; लेकिन अब समय परिवर्तन हो गया है । रघुवर शासनके प्रयाससे फूल और बेलपत्रको अब कचरोंमें नहीं फेंकना पड रहा है, बल्कि इन कचरोंसे जैविक खाद बनाया जा रहा है । प्रत्येक दिवस ५०० किलो से अधिक बेलपत्रका उर्वरक तैयार किया जाता है ।

मन्दिरके कर्मचारीका कहना है कि बाबा मन्दिरसे बेलपत्र आते हैं, उससे उर्वरक तैयार किया जाता है । कर्मचारीका कहना है कि प्रतिदिन मन्दिरसे आने वाली पूजन सामग्रीसे फूल और बेलपत्रको पृथक किया जाता है । प्रत्येक दिवस लगभग ५ क्विंटल पुष्प और बेलपत्र निकलते हैं, जिसे खादमें परिवर्तित कर दिया जाता है । सावनमें ऐसा प्रथम बार हो रहा है कि बेलपत्र और पुष्पके कारण मन्दिर परिसर और उसके आसपासके क्षेत्रमें कचरेका ढेर नहीं लग रहा है !

स्रोत : जी न्यूज



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