भगवान भक्तवत्सल होते हैं, अतः हिन्दुओं, भक्त बनें !


भगवान भक्तवत्सल होते हैं; अतः वे भक्तोंका रक्षण करते हैं और ‘भक्त’ उसे कहते हैं, जो ईश्वरसे एक क्षणके लिए भी ‘विभक्त’ नहीं होता । भक्त प्रह्लाद भक्तियोगकी साधना करनेवाले एवं ईश्वरसे अखण्ड अनुसन्धान साध्य करनेवाले तथा भक्तकी परिभाषाको चरितार्थ करनेवालेका एक उदाहरण हैं, जिनका ईश्वरने एक बार नहीं; अपितु अनेक बार उनके दुष्ट पिताके अत्याचारोंसे रक्षणकर अपने भक्तवत्सल होनेका परिचय दिया; अतः हिन्दुओ, भक्त बनें एवं इस हेतु अखण्ड नामजप करें ! कलिकालमें नामजप ईश्वरसे अखण्डता साध्य करनेका एक सरल माध्यम है ।



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