अमित शाहने चेताया, सबरीमालापर दमन रोके केरल सरकार, अन्यथा भारी मूल्य चुकाना पडेगा !


अक्तूबर २७, २०१८

केरलके मुख्यमन्त्री पिनाराई विजयनपर लक्ष्य साधते हुए भाजपाके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाहने शनिवार, २७ अक्तूबरको उनसे सबरीमाला प्रकरणसे छेडछाड नहीं करनेकी चेतावनी दी । शाहने उन्हें चेताया कि यदि केरल शासन विश्वाससे छेडछाड करेगी तो भाजपा उसे सत्ताच्युत करनेमें कोई कमी नहीं छोडेगी । सर्वोच्च न्यायालयद्वारा देवालयमें सभी आयुकी महिलाओंको प्रवेश देनेकी आज्ञा देनेके निर्णयकी आलोचना करते हुए शाहने कहा कि न्यायालयको लोगोंके धार्मिक विश्वासके विरुद्घ लागू नहीं हो सकने वाले निर्णय नहीं देने चाहिए ।

कन्नूरमें एक जनसभामें शाहने कहा, “भाजपा अयप्पा श्रद्धालुओंके विरोधको आगे ले जाएगी । यदि केरल सरकार सबरीमालाकी परम्पराको कुचल डालनेका प्रयास करती है तो हम सरकारको उखाड फेंकनेमें परहेज नहीं करेंगे ।” कन्नूरमें नए भाजपा कार्यालयके उद्धघाटनके पश्चात् उन्होंने शीर्ष न्यायालयके निर्णयके पश्चात् स्थितिको सम्भालनेमें विफल रहनेके लिए विजयन सरकारपर हमला बोला और कहा कि भाजपा सबरीमाला परम्पराको बचानेके लिए किसी भी हद तक जाएगी । शाहने कहा, “अयप्पा श्रद्धालुओंके साथ जो दमनका कुचक्र चलाया जा रहा है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।”

न्यायालयके निर्णयको लागू करानेके नामपर हिन्दुत्व कार्यकर्ताओंके साथ कथित अत्याचारके लिए सत्तारूढ एलडीएफ शासनपर लक्ष्य साधते हुए शाहने कहा कि जल्लीकट्टू और महाराष्ट्रमें दही हांडी समारोहोंपर प्रतिबन्ध लगाने जैसे निर्णय लागू नहीं किए जा सकते । सबरीमालामें १० से ५० वर्षकी आयुकी महिलाओंके प्रवेशको प्रतिबन्धित करनेकी परम्पराका बचाव करते हुए शाहने कहा कि हिन्दुओंने अपनी परम्पराओंमें सुधार किया है, जैसे विधवाका पुनः विवाह और बाल विवाहपर रोक लगाना आदि ।

उन्होंने कहा कि हिन्दुओंने महिलाओंको कभी कम नहीं आंका और उनका माता व देवीके रूपमें सम्मान किया है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीने केरलके लिए आईआईटीकी स्थापना और चिकित्सालय सहित कई परियोजनाओंको स्वीकृति दी; लेकिन राज्य शासन इन परियोजनाओंके लिए जमीन अधिग्रहण करनेमें विफल रही । विजयनकी विफलतापर उनके त्यागपत्रकी मांग करते हुए शाहने कहा कि सबरीमालामें १० से ५० वर्षकी आयुकी महिलाओंके प्रवेशका विरोध करने वालोंपर अत्याचार करनेके स्थानपर मुख्यमन्त्रीको राज्यके विकासपर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए ।

“आशा है कि अमित शाहजीका यह केवल चुनावी वक्तव्य न हो और भाजपाकी केन्द्र सरकार इसपर ‘एससी-एसटी एक्ट’की भांति अध्यादेश लाकर न्यायालयके हिन्दू विरोधी निर्णयको निरस्त करें, ऐसी सभी हिन्दुत्वनिष्ठोंकी मांग है ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : जनसत्ता



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