प्रेरक प्रसंग

प्रेरक प्रसंग – यज्ञोपवीतके लिए अनूठा बलिदान


यह प्रसंग उन सभी जन्म ब्राह्मणोंके लिए प्रेरणा देनेवाला प्रसंग है, जो स्वयंको ब्राह्मण कहनेमें तो गर्व करते हैं परन्तु ब्राह्मणवाले संस्कारोंका पालन नहीं करते हैं ! आजकी विडम्बना यह है कि सोलह संस्कारोंमें से तीन या चार संस्कार ही किये जाते हैं और इससे सम्बंधित आचारधर्मका पालन नहीं किया जाता है | मैंने अनेक […]

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शिवाजी महाराजकी गुरुभेंट


समर्थ रामदास स्वामीजीकी ख्याति सुननेपर छत्रपति शिवाजी महाराजको उनके दर्शनकी लालसा निर्माण हुई । उनसे मिलनेके लिए वे कोंढवळ गए । वहां भेंट होगी, इस आशासे सायंकालतक रुके, तब भी महाराजकी स्वामीजीसे भेंट नहीं हुई । तत्पश्चात प्रतापगढ आनेपर रातमें नींदमें भी महाराजके मनमें वही विचार था । समर्थ रामदास स्वामीजी जानबूझकर महाराजसे मिलना टाल […]

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प्रेरक प्रसंग-देवर्षि नारद और देवी माया


|| देवर्षि नारद और देवी माया || एक बार भगवान विष्णुने  देवर्षि नारसे कहा इस संसार में कुछ भी सत्य नही है, हमें जो कुछ भी दिखाई देता है यथार्थमें वह देवी मायाका रचाया हुआ खेल है | नारदजी इस बातको समझ नही पाएं और उन्होंने भगवानसे निवेदन किया, ” हे नाथ, कृपया देवी मायाके […]

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प्रेरक कथा


वासनासे मृत्यु  द्रौपदीके साथ पाण्डव वनवासके अंतिम वर्ष अज्ञातवासके समयमें वेश तथा नाम परिवर्तन कर राजा विराटके यहां रहते थे | उस समय द्रौपदीने अपना नाम सैरंध्री रख लिया था और विराट नरेशकी रानी सुदेष्णाकी दासी बनकर वे किसी प्रकार समय व्यतीत कर रही थीं | राजा विराटका प्रधान सेनापति कीचक सुदेष्णाका भाई था | […]

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प्रेरक कथा


धरोहर यह वृत्तांत प्रसिद्ध भक्तकवि नरसिंह मेहताके जीवनका है । भक्त नरसिंह मेहता निर्धन थे, भक्त प्रायः निर्धन ही होते हैं; किन्तु उन्हें निर्धनताका किंचित भी क्षोभ नहीं होता । नरसिंह मेहता भी अकिंचन थे । परन्तु विरोधाभास यह कि उनमें  दानशीलताका भी गुण था । वे किसी याचकको कभी निराश नहीं करते थे । […]

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गजेंद्रमोक्षकी कथा


त्रिकुट नामका एक सुंदर पर्वत था । त्रिकुटके चरणोंपर सागरकी लहरें छप-छप करती थीं । पर्वतपर घने वन थे । और वनमें गजेंद्र नामक हाथियोंका राजा रहता था । वह पशुओंके समूहमें अन्य सभी हाथियोंपर शासन करता था । एक दिन गजेंद्र अपने परिवार,मित्रों तथा अन्य हाथियोंके साथ वनकी एक झीलमें खेल रहा था।अचानक जलाशयमें […]

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प्रेरक कथा-संत गुरुनानकदेव एवं दो गांव


संत गुरुनानकदेव एवं दो गांव सिखधर्मकके प्रणेता, संत गुरुनाननकदेव,अपने शिष्योंमेंसे एकके साथ एक गांवमें पधारे जहां अधिकांश लोग अच्छे, मृदुल, सौम्य तथा धार्मिक प्रवृत्तिके थे । गुरुनानकजी तथा उनके शिष्य इस गांवको देखकर अत्यंत प्रसन्न हुए जहांके लोग इतने सदाचारी थे । गुरुनानकजी अत्यंत आनंदित थे । उन्होंने  उस ग्रामसे जाते हुए कहा,”यह स्थान नष्ट […]

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प्रेरक कथा


भगवानसे परिचय ! ध्रुवसे क्यों भगवान शीघ्र प्रसन्न हुए ? शास्त्रोंमें यह कथा आती है कि एक बार भक्त ध्रुवके संबंधमें साधुओंकी गोष्ठी हुई । उन्होंने कहा, “देखो, भगवानके यहां भी परिचयसे कार्य सिद्ध होता है । हम कई वर्षोंसे साधु(साधक) बनकर तप कर रहे हैं, तथापि भगवानने  अभीतक दर्शन नहीं दिए । जबकि ध्रुव […]

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प्रेरक कथा


  धर्मका प्रभाव क्यों नहीं पडता ? एक दिवस एक शिष्य अपने गुरूजी गुरुके पास आकर बोला -“ गुरुजी, प्रायः अनेक व्यक्ति प्रश्न करते है कि धर्मका प्रभाव क्यों नहीं होता, मुझे भी यह प्रश्न पिछले कुछ समयसे अत्यधिक व्याकुल कर रहा है |” गुरुजी बोले- “वत्स! जाओ, एक घडा मदिराका ले आओ |” जैसे […]

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प्रेरक कथा


मुझे एक कथा जो अत्यधिक प्रिय है, उसे आपके समक्ष प्रस्तुत कर रही हूँ | यह एक सत्य घटना है | कबीरदासजी उच्च कोटिके संत थे और उन्होंने स्थूल रूपसे अपने गुरुसे कुछ नहीं सीखा, एकलव्य समान गुरुभक्तिकी और उन्हें आत्मसाक्षात्कार हो गया ! उनकी वह दोहावली तो आप सबको पता ही होगी | गुरु […]

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