शंका समाधान

शंका समाधान : स्त्रियोंको अपने मनसे ॐ या गायत्री मन्त्र जपना क्यों टालना चाहिए ?

"मैं आपके जालस्थलकी नियमित पाठिका हूं, मुझे आपसे एक प्रश्न पूछना है और वह इसप्रकार है हमने अनेक लोगोंसे सुना है कि स्त्रियोंको गायत्री मन्त्र या ॐ से युक्त मन्त्र नहीं जपना चाहिए ? क्या यह कथन सत्य है एवं यदि ऐसा है तो इसका कारण क्या है ? यह कृपया बताएं" ! - श्रीमती स्नेहल मिश्र, मोंट्रियल, कनाडा


“मैं आपके जालस्थलकी नियमित पाठिका हूं, मुझे आपसे एक प्रश्न पूछना है और वह इसप्रकार है हमने अनेक लोगोंसे सुना है कि स्त्रियोंको गायत्री मन्त्र या ॐ से युक्त मन्त्र नहीं जपना चाहिए ? क्या यह कथन सत्य है एवं यदि ऐसा है तो इसका कारण क्या है ? यह कृपया बताएं” ! – श्रीमती […]

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शंका समाधान : क्या पुत्ररत्नकी प्राप्ति आवश्यक है ? – संजीव सिंह, लुधियाना, पंजाब


समाधान : जब कोई लिंगदेह माताके गर्भमें शरीर धारण करता है तो सर्वप्रथम वह मनुष्य कहलाता है, तत्पश्चात ही उसका लिंग निर्धारण होता है एवं पृथ्वीपर जन्मके पश्चात ही उसके विविध सम्बन्ध बनते हैं; अतः जीवात्माकी प्रथम अभिज्ञान ( पहचान) है, उसका मनुष्य होना और मनुष्य जीवनका मूल उद्देश्य है, ईश्वरप्राप्ति करना । जिस व्यक्तिका […]

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साधना अर्थात् देवासुर संग्राम

प्रश्न : आपके, मेरे घरसे प्रस्थानके तीसरे दिवससे मैंने एक माला श्रीगुरुदेव दत्तकी तीन माला जप आरम्भ किया, अगले दो दिवस आठ और नौ माला जप किए । उसे अगले दिवस पांचवीं माला करते-करते सिरको झटका लगा और मंदिरमें ही पन्द्रह मिनटतक नींद आ गई, क्या आसुरी शक्तियां इतना शक्तिशाली होती हैं ? – प्रकाश चानना, जर्मनी


प्रश्न : आपके, मेरे घरसे प्रस्थानके तीसरे दिवससे मैंने एक माला श्रीगुरुदेव दत्तकी तीन माला जप आरम्भ किया, अगले दो दिवस आठ और नौ माला जप किए । उसे अगले दिवस पांचवीं माला करते-करते सिरको झटका लगा और मंदिरमें ही पन्द्रह मिनटतक नींद आ गई, क्या आसुरी शक्तियां इतना शक्तिशाली होती हैं ? – प्रकाश […]

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प्रश्न : यदि हमारे पितर घरके किसी सदस्यमें प्रकट हो जाए तो हमें क्या करना चाहिए ? – श्री दिनेश जोशी, इन्दौर


उत्तर : यदि घरके किसी भी सदस्यमें पितर हो प्रकट जाए तो निम्न बातोंका ध्यान रखें । १. ऐसे पितर जो घरके किसी सदस्यमें प्रकट होते हैं, वे अधिकांशतः झूठ बोलते हैं; अतः उनसे वार्तालाप करना, प्रश्न पूछकर उनका परिचय प्राप्त करनेका प्रयास करना, यह सब न करें, इससे वे पुनः पुनः प्रकट होकर ऐसा […]

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बालकोंमें नामजपके संस्कार कैसे अंकित करें ?

आपके लेखोंको मैं नियमित पढती हूं और मुझे उससे ही नामजपके विषयमें जानकारी मिली है, मेरी पुत्री दस वर्षकी है, मैं यह जानना चाहती हूं की मैं अपनी पुत्रीको कौनसा नामजप करनेके लिए कहूं और उसमें नामजपका संस्कार कैसे अंकित करूं, उसे पढनेसे पूर्व कौनसा नामजप करना चाहिए ? – सोनाली भारम्बे, मुम्बई, महाराष्ट्र     


जानकर आनन्द हुआ कि आप अपनी पुत्रीपर नामजपका संस्कार अल्प आयुमें ही अंकित करना चाहती हैं, यथार्थमें बालमनपर जितना शीघ्र नामजपका संस्कार अंकित कर दिया जाए, उतना ही अच्छा होता है । बच्चोंको कौनसा नामजप करवाना चाहिए ?, इस सम्बन्धमें अध्यात्मशास्त्र क्या कहता है, यह जान लें ! सर्वश्रेष्ठ तो यह होगा कि यदि आपको […]

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विवाहोपरान्त स्त्रीको किस कुलदेवताका नाम जपना चाहिए ?


सामान्यतः विवाहोपरान्त स्त्रीका नाम परिवर्तित होता है, मातृपक्षका (मायकेका) सभी कुछ त्याग कर, स्त्री ससुरालमें आती है । एक अर्थसे वह उसका पुनर्जन्म ही होता है; इसलिए विवाहित स्त्रीको अपने ससुरालके कुलदेवताका जप करना चाहिए । यदि कोई स्त्री बाल्यकालसे विशेष नामजप कर रही हो व उन्नत साधक हो तो विवाहके पश्चात् जब तक गुरुमन्त्र […]

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नमक पानीका उपाय करते समय कष्ट होनेके कारण

प्रश्न : मैंने आपके लेखको पढकर विगत सप्ताह २-३ बार नमक पानीका उपाय किया । मुझे यह आध्यात्मिक उपाय करते समय बडी विचित्रसी अनुभूति हुई । मेरा जी मितलाने लगा और कोई धारदार वस्तु मेरे कानसे निकल रही हो, ऐसा लग रहा था, मुझे थोडी घबडाहट हो रही थी । क्या मैं इसे उपायको करनेमें निरन्तरता बनाए रखूं या छोड दूं ? - सिमरन कौर, लन्दन


प्रश्न : मैंने आपके लेखको पढकर विगत सप्ताह २-३ बार नमक पानीका उपाय किया । मुझे यह आध्यात्मिक उपाय करते समय बडी विचित्रसी अनुभूति हुई ।  मेरा जी मितलाने लगा और कोई धारदार वस्तु मेरे कानसे निकल रही हो, ऐसा लग रहा था, मुझे थोडी घबडाहट हो रही थी । क्या मैं इसे उपायको करनेमें […]

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मुझे मेरे गुरुके प्रति श्रद्धा है मात्र उनकी कुछ बातें मुझे स्वीकार्य नहीं होती ऐसा क्यों ?


उत्तर : जब तक गुरु और शिष्यकी पूर्ण एकरूपता नहीं होती तब तक शिष्य अपने सद्गुरुके विचारोंसे सौ प्रतिशत सहमत नहीं होता | सद्गुरुसे पूर्ण एकरूपता सिद्ध हो जानेपर शिष्यको अपने गुरुकी सर्व बातें मन से स्वीकार्य होती हैं इससे पूर्व वह बुद्धिद्वारा गुरु की आज्ञाका पालन करना मेरा धर्मं है यह सोच उनकी आज्ञाका […]

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प्रश्न : क्या मात्र योगासन करनेसे व्यक्तिकी आध्यात्मिक प्रगति सम्भव है ?


अनेक व्यक्तियोंको लगता है कि यदि वे योगासन और प्राणायाम करते हैं तो वे आध्यात्मिक हैं और इसे सिखानेवाले व्यक्ति आत्मज्ञानी संत ही होते हैं । योगासन और प्राणायाम करनेसे आध्यात्मिक प्रगति नहीं होती है, उससे मात्र हमारे स्थूल देह और मनो देह अर्थात मनकी कुछ सीमातक शुद्धि होती है जो किसी भी योगमार्गसे साधना […]

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कष्ट प्रारब्धके कारण है या पितृ दोषके कारण , यह कैसे समझें ?


उत्तर – हमारे कष्ट प्रारब्धके कारण है या पितृ दोषके कारण, यह मात्र सन्त ही बता सकते हैं | यदि कष्ट पितृ दोषके कारण है तो उसके निवारण हेतु प्रयास करनेपर हमारे कष्ट कम हो जाते हैं या दूर हो जाते हैं जैसे एक वर्ष पूर्व कोलकातामें एक परिवारसे मिली उनके वहां  तीन पीढीसे तीव्र […]

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