केन्द्र शासनका प्रशंसनीय निर्णय, भारतीय देसी गायोंके लिए मध्य प्रदेशमें बनेगा प्रथम गोकुल ग्राम !!


जनवरी १४, २०१९

केन्द्र शासनने मध्य प्रदेशका प्रथम गोकुल ग्राम सागर जनपदमें बनानेका निर्णय किया है । इसके लिए राज्य शासनने ५०० एकड भूमि आवण्टित कर दी है । इस भूमिपर ६०० देसी भारतीय गायोंके रहनेकी व्यवस्था होगी । एक गाायके लिए यहांपर रहने, खाने और चिकित्साकी सुविधाओंमें लगभग एक लाख ७० सहस्र रुपये व्यय होंगें अर्थात गोकुल ग्राममें गायोंके लिए कुल दस कोटि रुपये व्यय किए जाएंगें ।

राज्य पशुधन और कुक्कुट विकास निगमके प्रबंध संचालक एचबीएस भदौरियाने बताया कि यह गोकुल ग्राम सागरके रतोनामें बनाया जाएगा । भूमि चिह्नित कर ली गई है । शीघ्र ही वहां निर्माण कार्य भी आरम्भ हो जाएगा ।


उन्होंने बताया कि यहांपर गायों, बछिया और बछडोंके लिए भिन्न-भिन्न आश्रय स्थल होंगे । इन्हें ऐसे बनाया जाएगा ताकि गोवंशके लिए ये विश्रामदायक हों, उनका वायु संचालन (वेंटिलेशन) ठीक से हो । उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश प्रथम ऐसा राज्य हो, जो गायोंके लिए इसप्रकारका ग्राम बनाने जा रहा है ।


अधिकारियोंने बताया कि गायोंकी गिर, साहीवाल और थारपारकर प्रजातियां गोकुल ग्राममें रखी जाएंगीं । इसके अतिरिक्त यहां एक ही प्रजातिकी गायें और सांड होंगें, इनका पार प्रजनन (क्रॉस ब्रीडिंग) नहीं कराया जाएगा ।

ये गायें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात जैसे दूसरे राज्योंसे लाई जाएंगीं । यहांपर ६०० गायोंमेंसे ६० प्रतिशत गायें उत्पादनवाली और ४० प्रतिशत उत्पादन न करनेवाले पशु होंगें ।

अधिकारियोंने बताया कि गोकुल ग्रामके पीछे उद्देश्य है कि भारतीय देसी गायोंकी नस्लोंका संरक्षण हो सके । इसके विकसित होनेके पश्चात यहां एक एकीकृत भारतीय देसी गायोंका केन्द्र बनाया जाएगा । यहांपर भारतीय देसी गायोंको तैयार करके किसानों और गाय पालकोंको उपलब्ध कराई जाएंगीं ।

 

“केन्द्र शासनका यह निर्णय प्रशंसनीय है । शासन प्रत्येक जनपदमें ऐसे गोकुल ग्राम खोले, जिससे निराश्रित गायोंको आश्रय और लुप्तप्राय होती उत्तम प्रजातिकी गाय व सांडोंको बचाया जा सके । गाय अपने आपमें एक समूचि अर्थव्यवस्था है । इससे मिलनेवाले गोमय, गोमूत्र, दुग्धसे औषधि निर्माण, भोजन और ईंधन निर्माण, विद्युत निर्माणका कार्य किया जा सकता है । गौमातासे निकलनेवाली सात्विक तरंगे वातावरणको सात्विक बनाती है; अतः शासन त्वरित गौमाताकी रक्षा हेतु त्वरित ऐसे निर्णय लें, ऐसी सभी हिन्दुवादियोंकी मांग है ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : नभाटा



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