जनवरी ९, २०१९
उत्तर प्रदेशके मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथने शनिवार, ९ फरवरीको काशी हिन्दू विश्वविद्यालयके शताब्दी समारोहका उद्घाटन करते हुए कहा कि पुरातन ज्ञानकी परम्पराको आधुनिकतासे जोडकर मानवताका कल्याण किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि काशीकी भांति ही ‘आईआईटी बीएचयू’को पुरातन आत्माके साथ आधुनिक काया लेनी होगी । शासकीय योजनाओंमें विज्ञानके प्रयोगकेद्वारा आए परिवर्तनकी जानकारी देते हुए मुख्यमन्त्रीने कहा कि तकनीकसे भ्रष्टाचार मुक्त और प्रसन्न समाज सज्ज होता है । मुख्यमन्त्रीने बताया कि भ्रष्टाचारपर अंकुश लगानेमें भी तकनीककी महत्त्वपूर्ण भूमिका है; परन्तु तकनीक अभी महंगी है और उसे सरल करनेका प्रयास होना चाहिए ।
बनारस भ्रमणपर आए सीएम शनिवारको काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) पहुंचे । यहां पर्यावरणपर चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमन्त्रीने कहा कि स्वतन्त्रताके पश्चात सबसे अधिक दुर्दशा नदी, तालाब और पोखरोंकी की गई । देशके सामने जल संरक्षण सबसे बडी चुनौती है । आईआईटी बीएचयूको कचरा संचालनके सरलीकरणके साथ गोवंशके मूत्र और गोबरसे ऊर्जाके स्रोत तथा गोबरसे मीथेन व कॉर्बनडाई ऑक्साइडको अलग करनेके लिए सरल और सस्ती तकनीकपर कार्य करना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि आईआईटी बीएचयू और कानपुर शासनके ज्ञान सहयोगी हैं । इन्हें उत्तरप्रदेशमें आनेवाली चुनौतियोंका समाधान खोजना चाहिए ।
“आज हम विपदामें हैं; क्योंकि हमने प्राचीन विज्ञानको पुराना समझ छोड दिया और केवल यही मान कि हम ही उत्तम है, जिसका परिणाम हम आज भोग रहे हैं; अतः अब पीछे मुडकर देखनेकी आवश्यकता है और विरासतमें जो परमज्ञान मिला है, उसका उपयोग करनेकी आवश्यकता है !” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : नभाटा
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